यूपी में प्रधानों के कार्यकाल समाप्त होने के बाद सरकार ने अब प्रदेश के सभी प्रधानों के कार्यकाल में आवंटित और आहरित की गई धनराशि की जांच कराए जाने का फैसला लिया है.
अनियमितता करने वाले प्रधानों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाई होना तय है. संभव है कि संबंधित ग्राम प्रधान को चुनाव लड़ने से वंचित भी किया जा सकता है.
इसी के साथ ग्राम प्रधानों की बीते पांच साल में अर्जित की हुई संपत्ति की भी सरकार जांच कराएगी. बतातें चलें कि सरकार के निर्णय के बाद ग्राम प्रधानों को आवंटित की गई धनराशि और 25 दिसंबर तक
निकाली गई धनराशि से कराए गए कार्यों का जिलास्तरीय अधिकारियों द्वारा टीम गठित कर भौतिक सत्यापन किया जाएगा, जिन ग्राम प्रधानों की पूर्व में शिकायतें मिली हैं वहाँ गहनता से जांच कराई जाएगी.
जांच के दौरान अनियमितता पाए जाने पर संबंधित ग्राम प्रधान व ग्राम सचिव के विरुद्ध कड़ी कार्यवाई की जाएगी. सरकार के निर्देश पर जनपद स्तरीय अधिकारियों की टीम गठित कर ब्लॉकवार आहरित धनराशि की जांच कराए जाने की तैयारियां शुरू कर दी गयी हैं.
उत्तर प्रदेश में जल्द ही पंचायत चुनाव होने को है और किसी भी दिन पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी होने के कयासों के बीच सरकार के द्वारा प्रधानी कार्यकाल की जांच कराए जाने से अब तक प्रधानी चला रहे ग्राम प्रधानों के होश फाख्ता हो गये है.
सरकार पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पूर्व ही प्रधानों के कार्यकाल की जांच करा लेना चाह रही है. ग्राम प्रधानों को किस-किस मद में कितनी धनराशि भेजी गई है,
इसका मिलान किया जा रहा है जिससे जिला स्तरीय अधिकारियों को भौतिक सत्यापन करने में किसी प्रकार की समस्या ना हो.