समाजवादी नेता कालीशंकर द्वारा ‘लव जिहाद’ पर दाखिल RTI से गृह मंत्रालय का बड़ा खुलासा

देश के गृह मंत्रालय के पास अभी तक ‘लव जिहाद’ के किसी भी मामले की कोई जानकारी या रिपोर्टिंग नहीं है. भारत सरकार के गृह मंत्रालय को विगत 10 वर्षो में
किसी भी केंद्रीय एजेंसी ने उत्तर प्रदेश से ‘लव जिहाद’ की किसी एक भी घटना को रिपोर्ट नहीं किया है. गृह मंत्रालय के पास ये भी जानकारी नहीं है कि क्या लव जिहाद कानून के अंतर्गत परिभाषित है.
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इस रिपोर्ट से यह स्पष्ट है कि कथित लव जिहाद देश के लिए न कोई समस्या है या न ही कोई मुद्दा, बल्कि कुर्सी के लिए ध्रुवीकरण का आरएसएस, भाजपा का राजनीतिक एजेंडा है.
सरकार शिक्षा, रोजगार जैसे असली मुद्दों व मजदूर-किसानों की बदहाली से ध्यान भटकाने के लिए षड्यंत्र पूर्वक फर्जी मुद्दे पैदा कर रही है.
समाजवादी नेता कालीशंकर के आरटीआई से साफ़ है कि ‘लव जिहाद’ शब्द मौजूदा कानूनों के तहत परिभाषित नहीं है. अभी तक लव जिहाद का कोई भी मामला केंद्रीय एजेंसियों के संज्ञान में नहीं आया है.
बीजेपी शासित राज्यों में यह अध्यादेश व्‍यक्तिगत स्‍वतंत्रता, निजता, मानवीय गरिमा जैसे मौलिक अधिकारों के खिलाफ है, जिसका हम समाजवादी लोग पुरजोर विरोध करते है.
दरअसल भारत के संविधान में लव जिहाद की कोई परिभाषा नहीं है, जबकि बीजेपी शासित राज्य संविधान का मजाक उड़ा रहे हैं. माननीय न्यायालयों ने भी दोहराया है कि भारत के संविधान के तहत,
अनुच्छेद 14, 21 और 25 के तहत, किसी भी भारतीय नागरिक के निजी जीवन में किसी भी सरकार की कोई भूमिका नहीं है. बीजेपी स्पष्ट रूप से संविधान के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करने में लिप्त है.

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