सरकार के द्वारा पारित किए गए कृषि बिल के विरोध में किसानों का आक्रोश जिस कदर बढ़ा है वह बहुत ही चिंतनीय है. आज इस भीषण ठंड के मौसम में दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा के बॉर्डर पर हजारों की
संख्या में किसान एकत्रित होकर पिछले 42 दिनों से अधिक लगातार ठंड और बारिश की मार झेल रहे हैं. इसके कारण 60 से अधिक किसानों की मौतें भी हो चुकी हैं.
किसान नेताओं और सरकार के बीच कृषि बिल को लेकर 4 घंटों तक चली वार्ता भी कोई सकारात्मक परिणाम नहीं दे सकी. प्रेस कॉन्फ्रेंस के द्वारा राकेश टिकैत ने कहा कि-
अब तक 60 किसान शहीद हो चुके हैं, सरकार को जवाब देना होगा- राकेश टिकैत (किसान नेता) @RakeshTikaitBKU #किसान_आंदोलन #FarmersProtest pic.twitter.com/cNtZPEfzlh
— News24 (@news24tvchannel) January 3, 2021
“सरकार ने पॉइंट वाइज बात करने को कहा हमने साफ इनकार कर दिया जब हम कानून मानते ही नहीं तो पॉइंट वाइज बात करने का क्या मतलब है? हमारा आंदोलन चलता रहेगा.”
जबकि डॉ दर्शन पाल ने बताया कि- “एमएसपी को लेकर गतिरोध रहा है, किसानों ने कृषि कानूनों को रद्द करने की बात की तो सरकार ने संशोधन का स्टैंड रखा.
हमने कहा कि तीनों कानूनों को रद्द करने की प्रक्रिया पर पहले बात कीजिए. इसके बाद सरकार ने कहा कि अब 8 जनवरी को बात करेंगे.”
‘Farmers were adamant on demand for repeal of farm laws’: Union minister Narendra Tomar on why talks failed#farmersrprotest https://t.co/jBy2T7THrD pic.twitter.com/Tz1HcbWiJ5
— Hindustan Times (@htTweets) January 4, 2021
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए बताया कि- “हम पॉइंट टू पॉइंट बात करना चाहते थे ताकि रास्ता निकाला जा सके, एमएसपी पर भी थोड़ी बातचीत हुई किसान नेताओं द्वारा रिपील करने के मुद्दे पर अड़े रहने के कारण नतीजा नहीं निकल सका है.”
दरअसल किसान कृषि कानूनों को रिपील करवाने के मुद्दे पर अडिग हैं जबकि सरकार उस दिशा में आगे बढ़ना ही नहीं चाहती है. कृषि मंत्री ने कहा कि देश में करोड़ों किसान हैं,
सरकार देश भर के किसानों का हित ध्यान में रखकर के सोचती है. सरकार को सिर्फ एक पक्ष ही नहीं बल्कि बहुत सारे पहलुओं पर विचार करना होता है. ऐसे में किसी भी नतीजे तक पहुंचने के लिए तालियां दोनों हाथ से बजनी चाहिए.
आपको बता दें कि इस बहस का कोई परिणाम न निकलने पर कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने किसानों के प्रति सरकार पर बेरुखी का आरोप लगाया है.
सरकार एक तरफ तो किसानों को बातचीत के लिए बुलाती है दूसरी तरफ इस कड़कड़ाती ठंड में उन पर आंसू गैस के गोले बरसा रही है। इसी अड़ियल और क्रूर व्यवहार की वजह से अब तक लगभग 60 किसानों की जान जा चुकी है।
किसान कैसे विश्वास करे इस क्रूर सरकार पर? pic.twitter.com/j4QEq2tyin
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) January 4, 2021
जबकि कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा ने कहा है कि- सरकार एक तरफ किसानों से बातचीत करने के लिए उनको निमंत्रण देती है जबकि दूसरी तरफ उन पर आंसू गैस के गोले बरसाने का कार्य करती है. इसी वजह से अब तक 60 से अधिक किसानों की जानें जा चुकी हैं.