हिंदी साहित्य के छायावादी धारा के आधार स्तम्भ, महान रचनाकार स्वर्गिय जयशंकर प्रसाद की जयंती के अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष बी एन शर्मा के निर्देशन में गोरखपुर के विभिन्न स्थानों पर
ऑल इंडिया हुमन राइट्स के जिला अध्यक्ष मोहम्मद रजी ने उनके चित्र पर माल्यार्पण किया तथा रिक्शावाले, मज़दूरों, गरीबों और सफाई कर्मियों में कंम्बल, अंग- वस्त्र, पुष्प वर्षा एवं प्रशस्ति पत्र देकर उनको सम्मानित किया.
ऑल इंडिया हुमन राइट्स के जिला अध्यक्ष मोहम्मद रजी ने अपने संबोधन में बताया कि- हमारी भारतीय संस्कृति में विविधता निहित है. प्रत्येक व्यक्ति को अपने इतिहास और भारतीय संस्कृति का अध्ययन
करके गौरव करना चाहिए, क्योंकि यह इतिहास हमें अपनी गलतियों से सीखने और आगे बढ़ने के लिए अवसर देता है. जब तक अतीत की सही जानकारी नहीं होगी तब तक विकास को सही दिशा नहीं मिलेगी.
कुछ इतिहासकारों ने हमारे इतिहास को विकृत करने का काम किया है, उनसे सावधान रहने की जरूरत है. आज एक महान काव्य रचयिता स्वर्गीय जयशंकर प्रसाद की जयंती है.
इन्होंने आँसू, कामायनी, अजातशत्रु, कंकाल, तितली आदि कालजई रचनाएँ लिखकर न केवल समाज को दिशा देने का कार्य किया बल्कि हिंदी साहित्य को ऊँचाई भी दिया.
आज उनके जन्मदिवस पर उनको श्रद्धांजलि देते हुए नई पीढ़ी को उनके बारे में अवगत कराना जरूरी है. अब वक्त है कि हम अपने भारतीय इतिहास को नए सिरे से गढ़े, गलत तथ्यों को संशोधित करें.
संगठन के सदस्य श्री अनिल पांडे ने बताया कि ऑल इंडिया हुमन राइट्स की टीम लगातार दर्जनों चरणों में हजारों कंबल व अंग वस्त्र, प्रशस्ति पत्र आदि सभी जरूरतमंदों, गरीबों,
शोषित पीड़ित, प्रवासी मजदूरों व एवं फुटपाथ आदि पर गुज़र बसर करने वाले जो इस भयानक ठंड में बैठे हुए पाएं गए उनको वितरण किया और आगे भी करता रहेगा.
मानव अधिकारों के प्रति उनको जागरुक करने के साथ ही उनको अपने मौलिक अधिकारों के प्रति जानकारी दी गई उनको संकल्प दिलाया गया कि किसी भी दिशा में मानव अधिकारों का हनन नहीं होने देंगे.
मानव अधिकारों का हनन होना देश व मानव जाति के प्रति एक नुकसान है जिसकी भरपाई नहीं की जा सकती है. इस कार्यक्रम को सफल बनाने में जिला अध्यक्ष मो रज़ी ने
संगठन के अनिल पाण्डेय, राजेंद्र निषाद, अफाक खान, सुशील अग्रहरी, एडवोकेट सुशील शर्मा, हरीश मिश्रा, विजय कुमार श्रीवास्तव आदि धन्यवाद एवं आभार ज्ञापित किया.