नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125 वीं जयंती पर देश क्या सोच रहा है?

(डॉ सईद आलम खान की कलम से)

अमर शहीद, प्रसिद्ध क्रांतिकारी, नेताजी के रूप में पहचान रखने वाले स्वतंत्रता सेनानी जिन्होंने तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा जैसे नारे देकर देश के युवाओं को आजादी की लड़ाई के महासमर में शामिल होने के लिए आह्वान किया.

इस सच्चे सपूत और क्रांतिकारी सिपाही ने ब्रिटिश शासन के अत्याचार के विरुद्ध युवाओं में लड़ने का जो जोश और जज्बा पैदा किया वह आज भी प्रत्येक बुराई और अत्याचार के विरुद्ध प्रसांगिक जान पड़ता है.

नेताजी ने भारत की स्वतंत्रता के लिए अंग्रेजों के दांत खट्टे कर दिए, ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के विरुद्ध देश में कई धड़े बन चुके थे इनमें एक का नेतृत्व कांग्रेस पार्टी कर रही थी तो वहीं दूसरी तरफ सुभाष चंद्र अपने ही धुन में रम कर क्रांति की दशा और दिशा बदलने के लिए प्रयासरत थे.

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ब्रिटेन के खिलाफ जो देश थे ऐसे देशों के साथ इन्होंने संबंध बनाया तथा विदेश की धरती पर जो भारतीय रह रहे थे उनसे संपर्क करके आजाद हिंद फौज तैयार की.

यही फौज जापान की मदद से वर्तमान का अंडमान-निकोबार द्वीप जीत लिया और इसे क्रमशः शहीद तथा स्वराज द्वीप कह कर संबोधित किया.

आज उसी महान क्रांतिकारी की 125 वीं जयंती है जिसे देश संपूर्ण हर्षोल्लास के साथ मना रहा है. यदि सुभाष चंद्र के विचारों की फेहरिस्त तैयार करें तो इन्होंने भारत को

समाजवादी गणतंत्र बनाने का लक्ष्य, सभी मनुष्यों के साथ समान व्यवहार करने पर जोर, अनुशासन हीनता को कभी बर्दाश्त न करना, समाज को नशा विरोधी, न्याय, समानता, स्वाधीनता तथा आपसी भाईचारे आदि

को पुख्ता करने पर अत्यधिक जोर दिया तथा अपने स्तर पर हर संभव प्रयास किया.

वर्तमान में हमारा देश कई तरह की चुनौतियों जैसे- बढ़ती बेरोजगारी, गिरती अर्थव्यवस्था, सांप्रदायिक तत्वों को बढ़ावा मिलना, सामाजिक ताने-बाने में घुलता जहर, राजनैतिक शुचिता में निरंतर आती गिरावट आदि से जूझ रहा है.

निश्चित तौर पर ये सभी समस्याओं से देश की एकता अखंडता को चुनौती मिल रही है जिसके निराकरण के लिए युवाओं को ही आगे आना होगा.

जनता को फिर से एकजुट होकर लोहा लेने की जरूरत है क्योंकि अंग्रेजों के समय भी देश की जागरूक जनता ने ही मोर्चा लिया था, आज भी हमें ऐसे ही लोगों की आवश्यकता नजर आ रही है.

Leave a Comment

Translate »
error: Content is protected !!