किसान आंदोलन के मृतक किसान यदि घर पर रहते तब भी मर जाते: कृषि मंत्री जे पी दलाल

अपने बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में रहने वाले किसान आंदोलन में जान गवां चुके किसानों के संबंध में हरियाणा के कृषि मंत्री जे पी दलाल ने विवादास्पद बयान दिया है.

केंद्र सरकार के द्वारा पारित किए गए कृषि बिल के विरोध में आज 80 दिनों से दिल्ली-उत्तर प्रदेश बॉर्डर पर बैठे कृषकों के बड़े हुजूम में अब तक 200 से अधिक किसान अपनी जान गंवा बैठे हैं.

इस संबंध में भिवानी में किसानों की मौत के विषय में सवाल पूछे जाने पर दलाल ने कहा कि- “मृतक किसान यदि घर पर  रहते तब भी मर जाते. मेरी बात सुनिए क्या एक से दो लाख लोगों में से 6 महीने में 200 लोग नहीं मरते हैं.”

कोई दिल का दौरा पड़ने से मर रहा है और कोई बीमार पड़ने से. हालांकि कृषि मंत्री ने यह भी कहा कि उनके इस बयान से कोई आहत हुआ हो तो मैं माफी मांगता हूं. मैं सदैव किसानों के कल्याण के लिए काम करता रहूंगा.

किंतु इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर दलाल को आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ रहा है. दलाल के वक्तव्य के विरुद्ध प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेसी नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा है कि-

“ऐसा बयान कोई असंवेदनशील व्यक्ति ही दे सकता है.” जबकि हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी शैलजा ने भी दलाल के इस बयान की गंभीर आलोचना किया है.

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