BY–THE FIRE TEAM
नदी के दो किनारों के जैसे देश में दो अलग-अलग विचारधाराओं को मानने वाली पार्टी के नेता भी अब आपस में मेल मिलाप करने लगे हैं।
सीपीआईएम के विश्वजीत दत्ता इसी मेल मिलाप के तहत आज बीजेपी में शामिल हो गए।
भाजपा के राष्ट्रीय सचिव और त्रिपुरा के प्रभारी सुनील देवधर ने दत्ता के इस निर्णय का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि, “दत्ता माकपा के सबसे ईमानदार नेताओं में शामिल रहे हैं।”
पार्टी से किनारा कर भाजपा में शामिल होने से पहले उन्होंने आरोप लगाया कि कम्युनिस्ट पार्टी भ्रष्टाचार, गुटबाजी और आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त है।
एनडीटीवी की खबर के अनुसार दत्ता राज्य की राजधानी से लगभग 50 किलोमीटर दूर खोवाई जिले में भाजपा में शुक्रवार की शाम को शामिल हुए।
अब बताते चलें कि दत्ता इससे पहले माकपा पार्टी से विधायक भी रह चुके हैं।
वह 1964 से माकपा के साथ जुड़े रहे हैं।
बताया जा रहा है कि इसी साल फरवरी माह में त्रिपुरा विधानसभा चुनाव के दौरान दत्ता को पार्टी में कुछ कम तरजीह दी गई थी।
दत्ता ने आरोप भी लगाया था कि इस चुनाव के दौरान उनके खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र भी किया गया था।
अब क्योंकि त्रिपुरा में भारतीय जनता पार्टी की सरकार भी है और दत्ता को कम्युनिस्ट पार्टी में तरजीही भी कम मिल रही थी तो लोगों ने पहले ही कयास लगाने शुरु कर दिए थे उनके पार्टी से किनारा करने के।
बहरहाल लोगों को यह अंदाजा नहीं था कि एक कम्युनिस्ट पार्टी का नेता भारतीय जनता पार्टी जैसी धुर विरोधी पार्टी में शामिल होगा।