यूपी पंचायत चुनाव की आरक्षण लिस्ट पर पर हाईकोर्ट का फैसला आ गया है. कोर्ट ने कहा है कि 2015 में हुए आरक्षण प्रक्रिया को बेस मानकर ही इस बार भी आरक्षण लिस्ट फाइनल की जाए.
इस पर यूपी सरकार की ओर से कहा गया है कि उन्हें 2015 को आरक्षण आधार वर्ष मानने में कोई दिक्कत नहीं है. इसके बाद कोर्ट ने 27 मार्च तक रिजर्वेशन प्रक्रिया फाइनलाइज करने के आदेश दिया है.
#Lucknow – पंचायत चुनाव में वर्ष 2015 को मूल वर्ष मानते हुए हाईकोर्ट ने सीटों पर आरक्षण लागू करने का दिया आदेश। न्यायमूर्ति रितुराज अवस्थी व न्यायमूर्ति मनीष माथुर की खंडपीठ ने 25 मई तक त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव संपन्न कराने के आदेश पारित किये। @CMOfficeUP @UPGovt pic.twitter.com/g78y96PJDj
— PradeshTak (@pradeshtak) March 15, 2021
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के न्यायमूर्ति रितुराज अवस्थी व न्यायमूर्ति मनीष माथुर की खंडपीठ ने 25 मई तक त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव संपन्न कराने के आदेश पारित किए हैं.
आपको बताते चलें कि शुक्रवार को अजय कुमार की ओर से दाखिल याचिका पर कोर्ट ने सुनवाई किया था. याचिका में कहा गया था कि
पंचायत चुनाव में आरक्षण लागू किये जाने सम्बंधी नियमावली के नियम 4 के तहत जिला पंचायत, सेत्र पंचायत व ग्राम पंचायत की सीटों पर आरक्षण लागू किया जाता है.
आरक्षण लागू किये जाने के सम्बंध में वर्ष 1995 को मूल वर्ष मानते हुए 1995, 2000, 2005 व 2010 के चुनाव सम्पन्न कराए गए.
हाई कोर्ट लखनऊ ने दिया आदेश, यूपी में पंचायत चुनाव नये आरक्षण के आधार पर होगा, … ! @PIB_India @InfoDeptUP पूरा समाचार पढने के लिए इसे क्लिक कररें ➡➡ https://t.co/OndKc0j8Py
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याचिका में आगे कहा गया कि 16 सितम्बर, 2015 को एक शासनादेश जारी करते हुए वर्ष 1995 के बजाय वर्ष 2015 को मूल वर्ष मानते हुए आरक्षण लागू किये जाने को कहा गया.
उक्त शासनादेश में ही कहा गया कि वर्ष 2001 व 2011 के जनगणना के अनुसार अब बड़ी मात्रा में डेमोग्राफिक बदलाव हो चुका है.
लिहाजा वर्ष 1995 को मूल वर्ष मानकर आरक्षण लागू किया जाना उचित नहीं होगा. इसके अलावे 16 सितम्बर, 2015 के उक्त शासनादेश को नजरंदाज करते हुए, 11 फरवरी 2021 का शासनादेश लागू कर दिया गया.