पटना: ‘विशेष पुलिस बल’ संबंधित विधेयक लाए जाने की जिद पर जब विपक्ष के द्वारा बिहार विधानसभा में विरोध किया गया तो यहां पुलिसकर्मियों ने विधानसभा में घुसकर न केवल विधायकों के साथ बदतमीजी किया बल्कि उन्हें पीटा भी.
इस मामले को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने वर्तमान नीतीश सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि- “बिहार विधान सभा में ऐसा पहली बार हुआ है कि विधायकों को पिटवा गया है.”
बिहार के कुकर्मी मुख्यमंत्री द्वारा विधानसभा में हुए लोकतंत्र के सामुहिक चीरहरण के खिलाफ कल 26 मार्च को 'बिहार बंद' को सफल बनाइये और बता दीजिए नीतीश कुमार को, बिहार महात्मा बुद्ध और चाणक्य की धरती हैं यहाँ उनकी गुंडई बर्दास्त नहीं की जाएगी। pic.twitter.com/nX1rth7moR
— Tej Pratap Yadav (@TejYadav14) March 25, 2021
10 सर्कुलर रोड पर मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि क्या सदन में नारेबाजी, विरोध प्रदर्शन या आसन तक जाने की घटनाएं पहली बार हुई हैं?
1974 में अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठ विपक्ष के समाजवादी सदस्यों ने सदन चलाया था जबकि 1986 में नेता प्रतिपक्ष जननायक करपुरी जी के समय में 3 दिनों तक धरना-प्रदर्शन चला था.
उस समय नीतीश कुमार भी सदन के सदस्य थे किंतु आज विधानसभा और वेल में जिस तरीके से पुलिस ने तांडव किया है वह बहुत ही चिंताजनक है.
बिहार बंद
बिहार विधानसभा में CM द्वारा लोकतंत्र का चीरहरण,विधायकों की पिटाई,बेरोजगारी, महँगाई,किसान बिल के विरुद्ध कल, 26 मार्च को पूरे महागठबंधन ने बिहार बन्द का आह्वान किया है।
सभी बिहारवासी इस बन्द में बढ़ चढ़कर हिस्सा लें और इस अहंकारी सरकार के विरुद्ध आवाज़ बुलंद करें। pic.twitter.com/jCx3XNWysj
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) March 25, 2021
दिक्कत तो तब और दिखाई दे रही है जब दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करने की जगह सरकार के द्वारा उन्हें संरक्षण दिया जा रहा है.
इसी का परिणाम है कि आज अफसरशाही बढ़ी है, तेजस्वी यादव ने बताया कि हमारे पास 200 से अधिक पुलिसकर्मियों और प्रशासनिक अधिकारियों की फुटेज है हमने सभी को चिन्हित किया है.
हम ऐसी उम्मीद करते हैं कि सरकार जरूर किसी ठोस नतीजे तक पहुंचने का प्रयास करेगी. आपको यहाँ बताते चलें कि इन विधायकों के साथ मारपीट के मामले को लेकर आरजेडी ने बिहार बंद का आह्वान किया है.
यह तो आने वाला समय ही बता पाएगा कि तेजस्वी यादव का यह प्रदर्शन सरकार पर कितना भारी पड़ेगा.?