बिहार विधानसभा में विधायकों की पिटाई के विरोध में आज किया गया ‘बिहार बंद’ का आह्वान

पटना: ‘विशेष पुलिस बल’ संबंधित विधेयक लाए जाने की जिद पर जब विपक्ष के द्वारा बिहार विधानसभा में विरोध किया गया तो यहां पुलिसकर्मियों ने विधानसभा में घुसकर न केवल विधायकों के साथ बदतमीजी किया बल्कि उन्हें पीटा भी.

इस मामले को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने वर्तमान नीतीश सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि- “बिहार विधान सभा में ऐसा पहली बार हुआ है कि विधायकों को पिटवा गया है.”

10 सर्कुलर रोड पर मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि क्या सदन में नारेबाजी, विरोध प्रदर्शन या आसन तक जाने की घटनाएं पहली बार हुई हैं?

1974 में अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठ विपक्ष के समाजवादी सदस्यों ने सदन चलाया था जबकि 1986 में नेता प्रतिपक्ष जननायक करपुरी जी के समय में 3 दिनों तक धरना-प्रदर्शन चला था.

उस समय नीतीश कुमार भी सदन के सदस्य थे किंतु आज विधानसभा और वेल में जिस तरीके से पुलिस ने तांडव किया है वह बहुत ही चिंताजनक है.

दिक्कत तो तब और दिखाई दे रही है जब दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करने की जगह सरकार के द्वारा उन्हें संरक्षण दिया जा रहा है.

इसी का परिणाम है कि आज अफसरशाही बढ़ी है, तेजस्वी यादव ने बताया कि हमारे पास 200 से अधिक पुलिसकर्मियों और प्रशासनिक अधिकारियों की फुटेज है हमने सभी को चिन्हित किया है.

हम ऐसी उम्मीद करते हैं कि सरकार जरूर किसी ठोस नतीजे तक पहुंचने का प्रयास करेगी. आपको यहाँ बताते चलें कि इन विधायकों के साथ मारपीट के मामले को लेकर आरजेडी ने बिहार बंद का आह्वान किया है.

यह तो आने वाला समय ही बता पाएगा कि तेजस्वी यादव का यह प्रदर्शन सरकार पर कितना भारी पड़ेगा.?

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