प्रदेश में कई जगहों से करोना संक्रमण के बढ़ते अनुपात के बाद भी उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनाव में लोगों ने मतदान करने में कोताही नहीं बरती है.
पहले चरण में देखा जाए तो जनपद झांसी से 80 फ़ीसदी मतदान की सूचना प्राप्त हुई है जबकि महोबा इस मामले में 78% वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहा है.
इसके अलावा 75% वोटों के साथ कानपुर, प्रयागराज संयुक्त रूप से तीसरे स्थान पर रहे. हालाँकि कुछ जिलों में मतदान के दौरान मारपीट और झगड़ों की भी घटनाएं घटित हुई है,
किंतु बावजूद इसके संपूर्ण पहले चरण का मतदान लगभग शांतिपूर्ण ढंग से निपट चुका है. इस विषय में गोरखपुर में आने वाले थाना चिलुवाताल के एस आई लक्ष्मी नारायण द्विवेदी ने बताया कि-
“प्रशासन आपसी समन्वय के द्वारा विभिन्न मतदान केंद्रों पर नजर रखे हुए है तथा लगातार दौरों के माध्यम से शांति वयवस्था बनाये हुए है.”
सीएम सिटी गोरखपुर का आंकड़ा देखा जाए तो यहां 70% वोटों की जानकारी प्राप्त हुई है. संपूर्ण पंचायत चुनाव की सबसे खास बात यह रही कि आजादी के 70 वर्षों के बाद
गोरखपुर जनपद के आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले वनटांगिया समुदाय को पहली बार वोट डालने का अधिकार प्राप्त हुआ.
आपको यहां बता दें कि जंगल धूषण, जंगल तिकोनिया नंबर 3, रजही, चिलबिलवा आदि प्रमुख वनटांगिया क्षेत्र हैं जिन्हें सीएम आदित्यनाथ का विशेष संरक्षण प्राप्त रहा है.
इन्हीं की वजह से वर्ष 2017 में वन टांगिया क्षेत्रों को राजस्व ग्राम घोषित किया गया जिसके कारण उन्हें सभी बुनियादी जरूरतें जैसे सड़क, पानी, बिजली, शिक्षा, आवास, पेंशन इत्यादि का लाभ मिल सका है.
‘आगाज़ भारत न्यूज़’ की टीम के साथ साक्षात्कार में वनटांगिया समुदाय के एक प्रमुख व्यक्ति दीनदयाल चौरसिया ने बताया कि-
“सीएम योगी आदित्यनाथ उनके लिए मसीहा क्योंकि उन्हीं के प्रयासों से वे लोग आदिमानव से आम मानव बनने में सफल हो सके हैं.”