दुनिया भर में आज के दिन को ‘अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस’ के रूप में मनाये जाने की रीति है, जिसकी शुरुआत 1 मई, 1886 को हुई थी.
आज के दिन ही अमेरिका में मजदूर संगठनों ने 8 घंटे से अधिक काम न करने के लिए हड़ताल किया था. इसके लिए लगभग 11000 फैक्ट्रियों में काम करने वाले
4 लाख मजदूर एकत्रित होकर अपनी मांगो की प्राप्ति के लिए व्यापक आंदोलन प्रारंभ किया. भारत में इसकी शुरुआत 1, मई 1923 को हुई थी.
"बाबा साहेब अंबेडकर" का मानना था, कि भारत में "मजदूरों" के दो बड़े दुश्मन हैं – पहला "ब्राह्मणवाद" और दूसरा "पूंजीवाद" । देश के श्रमिक वर्ग के उत्थान के लिए दोनों का खात्मा जरूरी है ,#जयभीम #मजदूर_दिवस#RestoreLabourLaws pic.twitter.com/aXfXsq3VYl
— Ajay Kotwal (@KotwalAjayK) May 1, 2021
पहले इसे ‘मद्रास दिवस’ के नाम से जानते थे किंतु ‘भारतीय मजदूर किसान पार्टी’ के नेता कामरेड सिंगरावेलू चेट्टियार ने मद्रास उच्च न्यायालय के समक्ष प्रदर्शन करके न
केवल मजदूरों की शिफ्ट 8 घंटे कराया बल्कि उनके लिए छुट्टी का भी आंदोलन किया जिसे अंततः हासिल कर लिया गया. चुंकि किसी भी देश, समाज और उद्योग को आगे बढ़ाने में मजदूरों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है.
ऐसे में मजदूरों को सम्मान देने तथा उनके श्रम योगदानों का महत्व लोगों को बताने के उद्देश्य से विभिन्न जगहों पर अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है.
अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस | मजदूर या मजबूर ?https://t.co/p8nVQWGCTx #InternationalLabourDay #InternationalWorkersDay pic.twitter.com/N5DdjtIQHg
— ABP News (@ABPNews) May 1, 2021
इसमें मजदूर संगठनों के अध्यक्षों, औद्योगिक फैक्ट्रियों के कामगारों को उपहार देने से लेकर फैक्ट्री मालिकों के द्वारा मजदूरों से जुड़ी चुनौतियों, समस्याओं तथा मजदूर संगठनों को मजबूत करने से संबंधित बातों पर विचार भी किया जाता है.
आज वैश्विक स्तर पर करोना पैंडेमिक के कारण हजारों की संख्या में फैक्ट्रियों के बंद होने तथा इसमें काम कर रहे कामगारों को बाहर कर देने से मजदूरों की हालत बहुत ही दयनीय हो गई है.
उन्हें बुनियादी सुविधाओं जैसे रोटी, कपड़ा, खाना, चिकित्सा आदि के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है. लॉकडाउन के कारण उनकी स्थिति नाजुक हो गई है.
उनके लिए काम नहीं है, रोजगार छिन चुका है, दर-बदर की ठोकरें खाने को विवश हैं, ऐसे में मजदूर दिवस के अवसर पर इन चुनौतियों से लड़ने के लिए व्यापक रणनीति अपनाने की जरूरत है.