कोरोना की पहली लहर में झूठी बदनाम ‘तबलीगी जमात’, कर रहे कोविड संक्रमित मरीजों का अंतिम संस्कार

प्राप्त सूचना के मुताबिक पिछले वर्ष फरवरी-मार्च में जब भारत में कोरोना संक्रमण की शुरुआत हुई तो दिल्ली की निजामुद्दीन मरकज में तबलीगी जमात के हजारों लोगों को इसमें शामिल होने का झूठा प्रपंच रचा गया है.

ऐसा बताया गया कि देश के अलग-अलग हिस्सों में जमात के लोग पहुंचे और उन्होंने कोरोना के संक्रमण को फैलाया हालांकि अनेक मामलों में सबूत ना मिलने के कारण जमात के लोग निर्दोष साबित हुए.

अब फिर से तबलीगी जमात चर्चा का विषय बना है क्योंकि अब इन्होंने ऐसे मरीजों के अंतिम संस्कार का जिम्मा उठाया है जो कोरोनावायरस से मर रहे हैं.

आंध्र प्रदेश की तिरुपति में यूनाइटेड मुस्लिम एसोसिएशन के अंतर्गत ‘कोविड-19 ज्वाइंट एक्शन कमेटी’ की स्थापना की गई है जिसमें तबलीगी लोग शामिल हैं.

यह बिना किसी समुदाय और धर्म की परवाह किए मृत कोविड मरीजों का अंतिम संस्कार कर रहे हैं. इस विषय में जमात के सदस्य जेएमडी गोस ने बताया है कि-

“फोन पर मिली जानकारी के आधार पर प्रत्येक दिन 60 वॉलिंटियर्स के साथ करीब 15 शवों का अंतिम संस्कार इनके द्वारा किया जा रहा है.”

अंतिम संस्कार करते वक्त इस बात का पूरा ख्याल रखा जाता है कि मृतक व्यक्ति के धार्मिक परंपराओं के अनुसार ही उसका संस्कार किया जाए.

यानी कि मृतक हिंदू है तो उसके लिए कपड़े और फूल माला जबकि मृतक ईसाई है तो चर्च से फादर को बुला कर उसे दफनाया जाता है वहीं मुस्लिमों के लिए बकायदा जनाजे की नमाज का प्रबंध होता है.

Leave a Comment

Translate »
error: Content is protected !!