लॉकडाउन और कोविड-19 टीकाकरण को लेकर ‘बहुजन क्रांति मोर्चा’ ने महामहिम राष्ट्रपति को सौंपा ज्ञापन

(सईद आलम खान ब्यूरो चीफ, गोरखपुर की रिपोर्ट)

  • ‘बहुजन क्रांति मोर्चा’ ने कहा है कि जनता को लगने वाले कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए टीके में कौन से कंपोजिशन और कॉन्टेंट हैं, इसका भी सरकार बयौरा दे

गोरखपुर: मिली जानकारी के मुताबिक कोरोना संक्रमण के तेजी से बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार के द्वारा जो लगातार तालाबंदी की जा रही है उसके दृष्टिगत सामान्य जनजीवन पूरी तरह चरमरा चुका है.

लगातार लॉकडाउन होने के कारण जनता की आर्थिक कमजोरी से कमर टूटती जा रही है, लोगों के जेब में इतने पैसे नहीं है कि वह अपने जीवन को चलाने के लिए राशन-पानी तक की व्यवस्था कर सकें.

उसके ऊपर जनता जब सड़कों पर निकल रही है तो ऐसे में न केवल उसे पुलिस प्रशासन के द्वारा बुरी तरीके से पीटा जा रहा है बल्कि मास्क न पहनने तथा सैनिटाइजर प्रयोग ना करने के जुर्म में भारी जुर्माना भी वसूल किया जा रहा है.

ऐसे में सोचने का विषय यह है कि जिस जनता के पास पेट भरने तक को पैसा नहीं है वह जुर्माना कहां से भरे? कहने को तो सरकार ने टीकाकरण का कार्य प्रारंभ किया है किंतु टीका लगने के बाद भी

लोगों के कोरोनावायरस पॉजिटिव होने तथा मृत्यु का शिकार होने की घटनाएं सामने आ रही है जिसके कारण यह टीकाकरण भी संदेहास्पद होता जा रहा है.

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बहुजन मुक्ति मोर्चा ने अपने ज्ञापन में निम्नलिखित मांगों को रखा है-1. लाइट बिल, पानी बिल और घरपट्टी में सन 2020 और 2021 तक 75 प्रतिशत की छूट लोगों को दी जाए

2. कोरोना पर काबू पाने के लिए हर जिले और तहसील में आवश्यक सुविधा युक्त ऑक्सीजन, वेंटीलेटर तथा आर्थिक पैकेज की घोषणा की जाए

3. फिजिकल डिस्टेंस रखते हुए व्यापारियों, मैकेनिकों, होटल वालों आदि को अपना व्यवसाय करने की अनुमति मिले

4. पुलिस प्रशासन द्वारा गरीब जनता को तकलीफ न दी जाए और दंड के नाम पर उनसे जुर्माना भी वसूल न किया जाए

5. शिक्षित बेरोजगार, असंगठित कामगारों के लिए आर्थिक राहत पैकेज की घोषणा

6. निजी अस्पतालों को देश और राज्य में समान दर पर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध की जाए ताकि जनता का आर्थिक शोषण ना हो सके

7. बहुत से अस्पतालों के विषय में यह जानकारी प्राप्त हुई है कि यहां के कर्मचारी मानव अंगों की तस्करी करने में लिप्त हैं, ऐसे में सीसीटीवी कैमरा लगाकर मरीजों का इलाज किया जाए

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