केंद्र सरकार के द्वारा पारित किए गए कृषि कानूनों को रद्द करने के विषय को लेकर देशभर में किसानों के विभिन्न संगठनों के द्वारा जो विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है वह अब 6 माह का समय पूरा करने वाला है.
दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के संयुक्त मोर्चे ने कहा है कि- “आने वाली 26 मई को किसान इसे काला दिवस के रूप में मनाएंगे.”
इस विषय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए किसान नेता बलवीर सिंह राजेवाल ने लोगों से अपील करते हुए कहा है कि-वे 26 मई को अपने घरों, वाहनों, दुकानों पर काले झंडे लगाकर विरोध में उनका साथ दें.
आपको यहां बता दें कि पिछले वर्ष 26 नवंबर को किसानों के विभिन्न संगठनों ने कृषि कानूनों का विरोध करते हुए ‘दिल्ली चलो’ का नारा दिया और लाल किले तक पहुंचे.
हालांकि केंद्र सरकार ने इन किसानों को रोकने के लिए पानी की बौछारों तथा अनेक अवरोधकों का प्रयोग किया था. अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए किसान नेता राजेवाल ने कहा कि-
“सरकार तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग पर बिल्कुल ध्यान नहीं दे रही है और उर्वरक, डीजल, पेट्रोल की कीमतें बढ़ा रही है. इसके कारण किसानों के लिए अब खेती करना संभव नहीं रह गया है.”