उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा को हराने के लिए यह संस्था देगी फंड, जानें क्यों?

(ब्यूरो चीफ, गोरखपुर सईद आलम खान की कलम से)
आने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में बड़े बदलाव देखने की उम्मीद बन रही है. वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस की बुरी तरीके से हार तथा भाजपा ने लोगों को ‘अच्छे दिन आएंगे’ का आश्वासन देकर सिर्फ गुमराह करने का कार्य किया है.
ईवीएम घोटाले से लेकर उद्योगपतियों और पूंजीपतियों सहित बाहुबलियों ने सत्ता का जो दुरुपयोग किया वह किसी से छिपा हुआ नहीं है. मोदी सरकार में सिर्फ मोदी ही सर्वोपरि माने जाते हैं.
जबकि केंद्रीय मंत्रिमंडल के मंत्री सिर्फ चेहरे और मानसिक रूप से विकलांग की श्रेणी में आते हैं क्योंकि उनको मोदी के समक्ष बोलने की हिम्मत नहीं है. मोदी के चुनाव में बड़े औद्योगिक घरानों जैसे
अंबानी-अदानी एंड कंपनी ने खूब पैसा लगाया था जिसके कारण सरकार बनने के बाद मजबूरन लाभ का बड़ा हिस्सा इन्हें देना पड़ा. इस एकपक्षीय प्रवृति ने देश में आर्थिक बर्बादी,
गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई को प्रश्रय दिया जिसने आम जनजीवन को नष्ट करके रख दिया. नोटबंदी और जीएसटी ने तो देश के सभी छोटे-मोटे काम धंधा को समाप्त कर दिया.
इन सब चीजों से ध्यान हटाने के लिए मोदी ने नागरिकता कानून और एनआरसी जैसे विधेयकों का सहारा लिया, यहां तक की चुनाव में लाभ लेने के लिए पुलवामा हमला करवा कर राष्ट्रवाद के नाम पर जनता से वोट मांगा.
कोरोना का संकट सामने खड़ा होने के बावजूद नरेंद्र मोदी ने उसे अनदेखा करते हुए लोगों से ताली-थाली बजवाई, बिहार चुनाव करवाया जहां ठीक चुनाव से पहले गलवान घाटी में देश के जवान शहीद हो गए
और उनके नाम पर पुनः भाजपा ने वोटों की राजनीति शुरू की. कोरोना की दूसरी लहर ने तो देश को आर्थिक रूप से तबाह कर दिया, हमारी जीडीपी माइनस में पहुंच गई है.
ह भी तब, जब प्रधानमंत्री 18-18 घंटे काम करते हैं. विगत डेढ़ वर्षों के सतत लॉकडाउन ने तो बेरोजगारी को सातवें आसमान पर पहुंचा दिया है जबकि शिक्षा जगत को पूरी तरीके से रौंद कर रख दिया है.
अस्पतालों में बुनियादी जरूरतों जैसे वेंटीलेटर्स, ऑक्सीजन, मास्क, सैनिटाइजर, पीपीई किट आदि की अनुपलब्धता के कारण असमय हजारों की संख्या में लोग मरने को विवश हो गए.
यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिन लोगों ने इन अव्यवस्थाओं के विरुद्ध आवाज उठाया उस पर सरकार ने देशद्रोह के मुकदमे लादकर उनकी आवाज को दबाने की कोशिश किया.
अदालतों से लेकर पुलिस, प्रशासन, मीडिया सब के सब इनकी भाषा बोल रहे हैं. उत्तर प्रदेश जो विशेषकर अपराधों का भगवा आतंक का केंद्र बन गया है, यहां जाति और धर्म के आधार पर लोगों को प्रताड़ित किया जा रहा है.
कुल मिलाकर देश में लोकतंत्र लहूलुहान हो चुका है, ऐसे में लोकतंत्र प्रेस ने यह पहल किया है कि हम उस प्रत्याशी को या व्यक्ति को चुनाव लड़ने के लिए फंड देंगे जो लोकतंत्र की रक्षा के लिए काम कर रहा है.
यही नहीं पैसे के साथ लोकतंत्र की टीम उस व्यक्ति के लिए कंटेंट राइटिंग, स्लोगन, ऑडियो-विजुअल प्रोग्राम, इलेक्शन कम्पेन तथा डॉक्यूमेंट्री फिल्म तक मुफ्त में बनाकर
उन युवाओं के लिए एक सुनहरा अवसर उपलब्ध कराएगी जो समाज और देश में वास्तविक बदलाव और परिवर्तन की लड़ाई लड़ रहे हैं.
ऐसे व्यक्ति जो चुनावी फंड के लिए अप्लाई करना चाहते हैं वह दिए गए ईमेल आईडी पर अपना प्रोफाइल भेज सकते हैं, संस्था इस पर अपने ढंग से विचार करेगी.

Email-[email protected]

 

Leave a Comment

Translate »
error: Content is protected !!