(ब्यूरो चीफ, गोरखपुर सईद आलम खान)
वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव से ही कांग्रेस की हालत देश के अलग-अलग राज्यों में खस्ता होती जा रही है यहां तक कि अभी हाल ही में उत्तर प्रदेश में हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में भी कांग्रेसी नेता कुछ ऐसा बड़ा नहीं कर सके हैं जिससे शीर्ष नेतृत्व को मजबूती मिल सके.
अब कुछ ही महीनों के बाद यूपी विधानसभा चुनाव होने वाले हैं किंतु इससे पहले ही कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद साथ छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए.
जितिन के जाने से कहीं न कहीं राहुल गांधी की युवा टीम बिखर गई है, हालांकि 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान ही जितिन के पार्टी छोड़ने की अटकलें लगाई जा रही थीं किंतु इन सारी संभावनाओं को कांग्रेस ने खारिज कर दिया था.
# जितिन प्रसाद जी आप भी अपने पाप धुलवाने चले गए याद रखियेगा आपका हाल भी कोबरा वाला होगा….. pic.twitter.com/2NHkfeG7q1
— Brijlal Yadav (@Brijlal89343090) June 10, 2021
आपको बता दें कि जितिन प्रसाद उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का बड़ा राजनीतिक चेहरा हैं किंतु एआईसीसी में सम्मान न मिलने, राज बब्बर के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद इन्हें यूपी में प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की खबरें थीं फिरभी पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी ने इनकी जगह अजय कुमार लल्लू पर भरोसा किया.
वर्तमान में शाहजहांपुर जिला अध्यक्ष की नियुक्ति के विषय में जितिन ने अपने भरोसेमंद नेता को जिला अध्यक्ष बनाने की सिफारिश किया था किंतु कांग्रेस ने उनकी एक नहीं सुनी ऐसे में इन्होंने विरोध कर रुक अपना लिया है
कांग्रेस को कैसे हो सकता है नुकसान?
चुंकि जितिन लोगों के बीच गहरी पैठ रखते हैं ऐसे में उनके जाने से कार्यकर्ताओं का हौंसला पस्त होगा. कई नेता तो अब ऐसा मानने लगे हैं कि
कांग्रेस का कोई चुनावी भविष्य नहीं है. ऐसे में सभी अपने राजनीतिक कैरियर को डूबने से बचाने के लिए नए विकल्प तलाश कर रहे हैं.