कुछ दिन पहले एक बुजुर्ग मुस्लिम को कुछ अराजक तत्वों के द्वारा पीटे जाने और उसकी दाढ़ी काटने का वीडियो वायरल होने पर उत्तर प्रदेश की गाजियाबाद पुलिस ने कड़ा एक्शन लिया है.
घटना से जुड़े 9 लोगों पर पुलिस ने तात्कालिक तौर पर एफआईआर दर्ज करते हुए गिरफ्तारियां शुरू कर दिया है. परवेश गुर्जर नाम के व्यक्ति को पुलिस ने गिरफ्तार किया है.
इसके अलावा कार्यवाही करते हुए गाजियाबाद पुलिस ने बताया है कि- “लोनी में हुई इस घटना का कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है बल्कि इसके पीछे तांत्रिक साधना है,
गाजियाबाद: बुजुर्ग की दाढ़ी काटने व जय श्री राम का नारा लगवाने के मामले पर पुलिस ने कही बड़ी बात #Ghaziabad #Lonihttps://t.co/PW966wK0pX
— Salaam TV (@salaamtvnews) June 15, 2021
क्योंकि जिस पीड़ित बुजुर्ग की दाढ़ी काटकर अभद्रता करते हुए पिटाई की गई है. उसने अभियुक्तों को कुछ ताबीज दिया था जिसका परिणाम ना मिलने पर इन लोगों ने नाराजगीवस इस घटना को अंजाम दिया है.”
स्वयं पीड़ित ने भी कोई जय श्रीराम के नारे ना लगवाने का बयान दिया है. आपको यहां बता दें कि सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें एक बुजुर्ग मुस्लिम व्यक्ति को 4 लोगों के द्वारा बुरी तरह पीटने तथा जय श्रीराम के नारे लगवाए गए थे.
Police registered FIR against Twitter and seven other people.
There is no communal angle to incident in Loni where a man was thrashed & his beard chopped off. Twitter has done nothing to stop the video from going viral, said Ghaziabad Police in the FIR.
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) June 15, 2021
इस घटना को लेकर पुलिस उस समय हरकत में आई जब इस वीडियो को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की गई कांग्रेसी नेता राहुल गांधी ने इस घटना पर योगी सरकार के ऊपर सवाल खड़ा किया
जबकि उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह यूपी को बदनाम करने की कोशिश है. पुलिस ने द वायर, न्यूज प्लेटफार्म, ट्विटर सोशल साइट सहित राणा अयूब,
बुजुर्ग की दाढ़ी काटने की वीडियो वायरल करने पर इनके दर्ज हुआ केस
पुलिस ने मोहम्मद जुबैर, राना अय्यूब, द-वायर, सलमान निजामी, मशकूर उस्मानी, डॉ. शमा मोहम्मद, सबा नकवी, ट्विटर आईएनसी और ट्विटर कम्यूनिकेशंस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ केस दर्ज किया है।
— Amar Ujala Ghaziabad (@AU_GZBNews) June 15, 2021
मोहम्मद जुबेर, मोहम्मद सबा नक्वी, मशकुर उस्मानी, सलिमन निजामी आदि पर भी शांति भंग करके संदेश फैलाने का दोषी बता कर एफ आई आर दर्ज किया है.
पुलिस का कहना है कि ट्विटर ने वीडियो को वायरल होने से रोकने के लिए कुछ नहीं किया.