भारत में महिलाओं को जब भी पुरुषों ने मौका दिया है तो उन्होंने अपनी योग्यता का लोहा जरूर मनवाया है.
‘द आयरन लेडी’ के नाम से भारोत्तोलन में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को पहचान दिलाने वाली कर्णम मल्लेश्वरी को आम आदमी पार्टी सरकार ने दिल्ली खेल विश्वविद्यालय का पहला कुलपति नियुक्त किया है.
दिल्ली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी शुरू हो रही है। हमारा बहुत बड़ा सपना पूरा हुआ। मुझे ये कहते हुए बेहद गर्व है कि ओलम्पिक पदक विजेता कर्णम मल्लेश्वरी जी पहली कुलपति होंगी। आज उनके साथ मुलाक़ात हुई और विस्तार से चर्चा हुई। pic.twitter.com/h0At7FMe4b
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) June 23, 2021
यह कहीं ना कहीं संघर्ष करने वाले उन सभी महिलाओं को प्रेरणा देगा तथा खेलों के प्रति महिलाओं की प्रतिभागिता को बढ़ाने में जरूर सहयोग देगा.
आपके यहां बता दें कि कर्णम मल्लेश्वरी ने 25 वर्ष की अवस्था में सितंबर 2020 में सिडनी ओलंपिक के दौरान 240 किलोग्राम में श्रेणी ने 110 किलोग्राम और क्लीन एंड जर्क में
130 किलोग्राम भार उठाकर कांस्य पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला का ख़िताब जीता था.
उनके इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर लोगों ने उन्हें ‘द आयरन लेडी’ नाम दिया था तब से लेकर अभी तक किसी भी महिला भारोत्तक खिलाड़ी ने ओलंपिक में भारत की तरफ से कोई पदक नहीं जीता.
उनकी उपलब्धि का सम्मान करते हुए सरकार ने अर्जुन पुरस्कार तथा 1999 में राजीव गाँधी खेल रत्न सम्मान के अतिरिक्त पद्मश्री से सम्मानित किया गया.
आंध्र प्रदेश की रहने वाली मल्लेश्वरी वर्तमान में एफसीआई में मुख्य प्रबंधक के रूप में कार्यरत हैं और परिवार के साथ जगाधारी के सेक्टर 18 में रहती हैं.
पूर्व वेटलिफ्टर कर्णम मल्लेश्वरी बनीं दिल्ली खेल विश्वविद्यालय की पहली कुलपति #DelhiSportsUniversity #KarnamMalleswari #Delhi #SportsNews #Sports https://t.co/vUkFRNyYWA
— Lalluram News (@lalluram_cg) June 23, 2021
कर्णम जैसी प्रतिबद्ध समर्पित खिलाड़ी का ‘दिल्ली खेल विश्वविद्यालय’ का कुलपति बनना भारतीय महिला खिलाड़ियों के लिए गौरव की बात है.
निश्चित तौर पर शोषण, दमन, अवसर न मिलने के कारण जो महिलाएं आगे नहीं आ पाती हैं, उन महिला खिलाड़ियों को मौका दिलाने की भूमिका में मल्लेश्वरी कुछ नया जरूर करेंगी.