सीएम सिटी गोरखपुर में एक हैरान कर देने वाले मामले का खुलासा हुआ है. दरअसल गोरखपुर शहर में जिस डॉक्टर के नाम पर दो डायग्नोस्टिक सेंटर धड़ल्ले से चल रहे थे, उनकी काफी दिनों पहले ही मौत हो चुकी है.
जब स्वास्थ्य विभाग की टीम ने इसकी जांच किया तो इस तथ्य का राजफाश सामने आया. स्वास्थ्य विभाग की टीम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत दोनों सेंटर को सील कर दिया है.
आपको बता दें कि डॉ हरिद्वार गौड़ के नाम से मोहददीपुर में ‘जनता डायग्नोस्टिक सेंटर’ तथा पादरी बाजार में ‘साईं डायग्नोस्टिक सेंटर’ चल रहे थे.
डॉक्टर की मृत्यु हो जाने के बाद भी सेंटर चलाने वाले जिम्मेदारों ने इसकी सूचना सीएमओ ऑफिस में दिए बिना ही पूर्व की भांति अपने कामकाज जारी रखे हुए थे.
हैरान करने वाला विषय यह है कि बिना डॉक्टर के ही भगवान भरोसे मरीजों को अल्ट्रासाउंड व अन्य जांच चल रही थी, मरीजों की भीड़ में कोई कमी नहीं थी.
सूचना मिलने पर स्वास्थ्य विभाग की टीम सेंटर पहुंची और वहां मौजूद अल्ट्रासाउंड मशीनों को सील कर दिया. यहां बताते चलें कि गोरखपुर में कुल 275 डायग्नोस्टिक सेंटर हैं जिनकी इस समय नियमित जांच चल रही है.
गोरखपुर जिले में एसीएमओ डॉक्टर एन के पांडे ने बताया है कि डोगरा नर्सिंग होम पहले ही डॉक्टर के अभाव में बंद किया जा चुका है, अब जो यहां सेंटर हैं उन पर भी दबिश देकर के जांच की जाएगी.