मिली जानकारी के मुताबिक देश में किसान संगठनों के द्वारा मोदी सरकार के द्वारा पारित कृषि बिल पर आज 7 माह बीत जाने के बाद भी तनातनी बनी हुई है.
किसान संगठनों द्वारा दिल्ली के जंतर-मंतर पर ‘किसान संसद’ भी शुरू किया गया है जिसका मूल उद्देश्य किसानों की मूल समस्याओं पर चर्चा करना है.
किंतु भाजपा नेता किसानों के ऊपर अजीबोगरीब बयानबाजी करने से बाज नहीं आ रहे हैं. इस संदर्भ में विदेश राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी ने किसानों को ‘मवाली’ तक करार दिया है.
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मीनाक्षी ने किसानों को लेकर बयान दिया है कि यह लोग किसान नहीं बल्कि गुंडे हैं. 26 जनवरी को जो हुआ वह और भी शर्मनाक गतिविधियां थीं.
इस मामले में ‘जन अधिकार पार्टी’ के नेता पप्पू यादव ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि-” भारत कृषि प्रधान देश होता तो किसानों को मवाली कहने वाली नेता जेल में डाल दी गई होती. अब तो यह अडानी- अंबानी प्रधान देश है जहां उनकी दलाली करने वाले देश के प्रधान हैं.”
आपको यहां बता दें कि कृषि बिल को लेकर किसानों को आंदोलन करते हुए 7 माह बीत चुके हैं. इस दौरान कई किसानों की मृत्यु हुई है जिसका मुख्य कारण पुलिस द्वारा किया गया लाठीचार्ज जिसमें कई किसान घायल हो गए.
दो मंत्री-दो विचार:कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा- किसानों से बातचीत के लिए तैयार; मीनाक्षी लेखी बोलीं- उन्हें किसान मत कहिए, वे मवाली हैं shame on you modi and you’re idiot leaders
#तोमर_किसानी_बर्बाद_करेगा pic.twitter.com/CrNhjAfjD5— PARSHOTAM SINGH SIDHU (@sidhuparshotam1) July 25, 2021
कांग्रेस ने भाजपा नेता मीनाक्षी लेखी के बयान को लेकर इस्तीफे की मांग किया है. विवाद बढ़ता देख कर मीनाक्षी ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि अगर किसी को ठेस पहुंची है तो मैं अपने शब्द वापस लेती हूं.