झारखंड: गैंगस्टर की जमानत रद्द करने की कीमत न्यायाधीश को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी

मिली जानकारी के मुताबिक झारखंड के धनबाद में जिला और सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद जब सुबह में टहलने के लिए निकले तो हले से घात लगाकर बैठे अज्ञात हमलावर ने पीछे से टेम्पो के द्वारा टक्कर मार दी जिसके कारण उनकी मृत्यु हो गई.

हालांकि झारखण्ड पुलिस ने तेजी दिखाते हुए टेंपो ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया गया है किंतु खोजबीन में पता चला है कि यह टेंपो चोरी का है. सर्वोच्च न्यायालय में सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह ने इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया है.

इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश एन वी रमन्ना ने बताया कि उन्होंने झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस, महासचिव और रजिस्ट्रार जनरल से इस मामले में वार्ता किया है, हाई कोर्ट ने इसकी जांच भी शुरू कर दिया है.

सिंह का कहना है कि पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच कराई जानी चाहिए ताकि केस को गहरे स्तर पर पड़ताल किया जा सके. सिंह ने कहा कि-

“अगर कोई गैंगस्टर की जमानत रद्द कर दे और उसकी इस तरह हत्या कर दी जाए तो देश में कोई न्याय व्यवस्था नहीं रह जाएगी.”

मॉर्निंग वाक पर एक जज जाता है और उसे कोई गाड़ी वाला टक्कर मार कर भाग जाए और इस पर भी इलाज के अभाव में जज दम तोड़ दे, यह लोकतंत्र के लिए बहुत ही शर्मनाक है.

आपको यहां बता दें कि घायल अवस्था में किसी व्यक्ति ने न्यायाधीश को अस्पताल में भर्ती कराया था किन्तु बहुत समय तक तो पहचान ही नहीं हो सकी कि यह कौन हैं? काफी देर बाद चेक करने पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

वर्तमान संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मामले में थोड़ी तेजी आई है, ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि जज उत्तम आनंद की मौत के पीछे छुपे रहस्यों का पर्दाफाश जल्दी ही हो जाएगा.

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