भारतीय जनता पार्टी में पीएम नरेंद्र मोदी और स्मृति ईरानी के बाद कई ऐसे नेता हैं जिनकी डिग्री पर शक के सवाल उठाए जा चुके हैं और इनमें कई नेता में फंसे भी हैं.
ताजा मामला उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या का है जिनके विषय में ऐसा बताया जा रहा है कि मौर्या ने फर्जी डिग्री के सहारे विधानसभा चुनाव लड़ा तथा पेट्रोल पम्प भी प्राप्त किया.
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की डिग्री पर उठे सवाल, RTI एक्टिविस्ट दिवाकर नाथ त्रिपाठी ने कोर्ट में अर्जी दाखिल कर की प्राथमिकी दर्ज करने की मांग#keshavprasadmaurya #UttarPradesh pic.twitter.com/zgkk4dLOgA
— Khabardar News (@news_khabardar) July 21, 2021
आपको बताते चलें कि आरटीआई कार्यकर्ता दिवाकर नाथ त्रिपाठी ने मौर्या के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करवाने की मांग करते हुए न्यायालय में अर्जी दायर किया था.
हालांकि फर्जी डिग्री के इस प्रकरण पर सुनवाई कर रही मजिस्ट्रेट ने जिला जज को पत्र लिखकर इस सुनवाई से उन्हें अलग करने की मांग कर डाली है.
चुंकि केशव मौर्या विधानसभा के सदस्य हैं ऐसे में इस मामले की सुनवाई एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट में की जा रही है. जानकारी के लिए आपको बता दें कि केशव मौर्य ने
हिंदी साहित्य सम्मेलन के द्वारा प्राप्त जो डिग्री लगाई है वह प्रदेश सरकार या किसी भी बोर्ड द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं है, उनकी डिग्री में जो जानकारी दी गई है उस पर भी अलग-अलग वर्ष लिखे हुए हैं.