जैसा कि वर्तमान सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी गोरक्षा और गौ मांस के नाम पर हमेशा से राजनीति करती आई है. इस राजनीति के चक्कर में अधिकतर अल्पसंख्यकों को प्रताड़ित किया जाता रहा है,
जिसके विषय में वर्ष 2014 से लेकर अब तक कई मॉब लिंचिंग की घटनाएं सिर्फ इस वजह से कर दी गई कि समुदाय विशेष को बीफ ले जाने या खाने का शक मुसलमानों पर था.
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इसी कड़ी में मेघालय राज्य में मंत्री और भाजपा नेता सनबोर शुलाई ने कहा है कि- ” लोग मुर्गा, बकरा, मीट, मछली खाने की जगह अधिक से अधिक गौ मांस खाएं.
भारत एक लोकतांत्रिक देश है और लोकतंत्र में रहने वाले प्रत्येक नागरिक को अपनी आजादी है कि वे अपनी मर्जी का खाएं.”
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि लोगों को बीफ खाने के लिए प्रोत्साहित करने से यह धारणा टूट जाएगी कि भाजपा गौ हत्या पर प्रतिबंध लगाएगी.
भाजपा मंत्री के इस विवादित बयान से राजनीतिक गलियारे में एक नई बहस छिड़ गई है. अपने बयान के क्रम में जुलाई में असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा से भी यह सुनिश्चित किया है कि-
“मवेशी परिवहन मेघालय राज्य में मवेशियों को लाने ले जाने के लिए कोई व्यवधान उत्पन्न ना हो. इसकी वजह है कि हाल ही में असम सरकार ने गौरक्षण विधेयक 2021 पारित किया है,
ताकि बांग्लादेश में गौ तस्करी को नियंत्रित किया जाए तथा असम के रास्ते होने वाली इंटरनेशनल गो तसकरी पर प्रतिबंध लगाया जा सके.”