जिला रजक (धोबी) सुधार संघ के जटाशंकर स्तिथ कार्यालय में ऑनर किलिंग का शिकार अनीस कन्नौजिया के लिए श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया जिसमें विभिन्न सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी,
सामाजिक कार्यकर्ताओं, छात्रनेताओं ने उपस्थित होकर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित किया और एक स्वर में अनीश कनौजिया के साथ हुए कुकृत्य का विरोध किया.
इस अवसर पर उपस्थित वरिष्ठ समाजसेवी विजय श्रीवास्तव ने श्रद्दांजलि अर्पित करते हुए कहा कि-“अनीष कनौजिया की हत्या का कारण जातिवाद है जो कि हमारे समाज में गहराई तक पाँव पसार चुका है. हमें जातिवाद का विरोध और उसके उन्मूलन के लिए कार्य करना होगा, यही अनीस कनौजिया के लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी.”
पूर्वांचल सेना अध्यक्ष धीरेन्द्र प्रताप ने कहा कि-“आजाद भारत में संविधान हर व्यक्ति को यह आजादी देता है कि वह जिससे चाहे उससे शादी/विवाह कर सकता है, परंतु कुछ रूढ़िवादी मानसिकता के लोगों को यह मंजूर नहीं है.”
उन्होंने कहा कि अनीष कनौजिया की हत्या भारत के संविधान के साथ-साथ भारत की एकता और अखंडता पर चोट है जिसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है.
पूर्व पार्षद विजेंद्र अग्रहरि ने कहा कि अनीस कनौजिया की हत्या से संपूर्ण भारतीय समाज की आत्मा पर चोट पहुंचा है, यह हत्या भारत की प्रगतिशीलता और आधुनिकता पर सवाल खड़ा करता है.
उन्होंने कहा कि पूरे प्रकरण पर सार्वजनिक चर्चा होनी चाहिए और जो भी कारण है उसे खत्म करने के लिए सरकार और सामाजिक संगठनों को आगे आकर कार्य करना चाहिए.
आरटीआई कार्यकर्ता सुरेंद्र वाल्मीकि ने कहा कि खेद की बात है कि अनीस कनौजिया की हत्या की तो खूब चर्चा हो राहीं है परंतु इस
जघन्य हत्याकांड के मूल कारण “जातिवाद” पर कोई चर्चा नहीं होता दिख रहा. हमें इसे दरकिनार नहीं करना चाहिए. जातिवाद पर चर्चा करके इसको समाप्त करने के लिए पहल करना होगा यही अनिस कनौजिया के लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी.
श्रद्धांजलि सभा को संचालित कर रहे भास्कर चौधरी ने श्रद्धांजलि सभा में उपस्थित हुए लोगों को धन्यवाद दिया और कहा कि हम यह विश्वास दिलाते हैं कि अनिस
कनौजिया जी के परिवार को न्याय दिलाने की हरसंभव लड़ाई लड़ेंगे और इस जघन्य हत्या के पीछे जो सामाजिक राजनीतिक कारण है, उसे भी समाप्त करने का भरसक प्रयास किया जाएगा.
इस अवसर पर राहुल वर्मा, चंदन कुमार, कमलेश कुमार, आकाश पासवान, सर्वेश कुमार, दीपक कनौजिया, नितिन कुमार, मनीष कन्नौजिया समेत भारी संख्या में सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी व कार्यकर्ता उपस्थित रहे.