- अमर्यादित भाषा व बल प्रयोग कर संवैधानिक अधिकारों का किया उल्लंघन
गोरखपुर: ‘तीसरी आंख मानवाधिकार संगठन’ द्वारा अवैध निर्माण के सील बंद व ध्वस्तीकरण के साथ-साथ भ्रष्ट लोक सेवकों के विरुद्ध त्वरित वैधानिक कार्यवाही की मांग को लेकर मंडलायुक्त/अध्यक्ष गोरखपुर विकास प्राधिकरण
मंडल गोरखपुर के कार्यालय के समक्ष विगत 22 दिनों से चल रहे क्रमिक धरने के बावजूद प्रशासन की उदासीनता बनी हुई है. ऐसे में शासकीय तंत्र को जनहित के उक्त मुद्दे पर
चिर निद्रा से जगाने के उद्देश्य से संगठन के संस्थापक महासचिव शैलेंद्र कुमार मिश्र ने जब पूर्व निर्धारित योजना के अंतर्गत प्रतीकात्मक प्रतिकार के रूप में मशाल जुलूस निकालने
का प्रयास पर किया तो पुलिस प्रशासन द्वारा गैर संवैधानिक तरीके से माननीय उच्च न्यायालय के आदेशों की अवहेलना करते हुए बगैर नाम पट्टिका धारित,
वर्दीधारी पुलिसकर्मी ने अवधेश कुमार मिश्र, रविंद्र चौबे कार्यकर्ताओं के साथ अमर्यादित भाषा का प्रयोग करते हुए बल प्रयोग कर मशाल लूट लिया.
पूर्व सूचना के अनुरूप कार्यक्रम करने के संवैधानिक अधिकारों से वंचित करते हुए धमकी दिया कि क्रमिक धरना समाप्त कर विरोध प्रदर्शन बंद नहीं किया गया तो उच्चाधिकारियों का निर्देश है कि
“आपको और आपके साथियों को गैर जमानती धारा में कतिपय थानों में अपराधिक मुकदमा दर्ज कर निरुद्ध करते हुए जीवन बर्बाद कर दिया जाएगा.”
कमिश्नर कार्यालय पर उक्त घटित घटना इस बात की पुष्टि करता है कि जिले या प्रदेश में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है.
फ़िलहाल उक्त कारित अपराध की एफआईआर कॉपी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गोरखपुर, पुलिस महानिदेशक, प्रमुख सचिव गृह उत्तर प्रदेश और जिला अधिकारी, मंडला आयुक्त गोरखपुर समेत कतिपय माननीय महोदय को आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित कर दिया गया है.
साथ ही वैधानिक कार्रवाई की अपेक्षा करते हुए यह भी संज्ञान में दिया है कि त्वरित वैधानिक कार्यवाही की जाये तथा कार्यक्रम स्थल पर कार्यकर्ताओं की सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित नहीं हुई
तो आरोपी पुलिसकर्मियों द्वारा उच्चाधिकारियों के संरक्षण में कूटरचित षड्यंत्र के तहत दी गई धमकियों को व्यवहारिक स्वरूप दिया जा सकता है जिसकी समस्त जिम्मेदारी शासकीय-प्रशासकीय की तंत्र की होगी.
संगठन के जिला अध्यक्ष बृज राज सैनी के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं एवं सभी पदाधिकारियों ने क्रमिक धरने के 23वें दिन प्रशासन द्वारा किए गए अनैतिकपूर्ण एवं कूट रचित कार्य की भर्त्सना करते हुए
ऐसे कार्य को समाज के प्रति दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए चिंता व्यक्त की गई है कि समाज में लोक सेवकों द्वारा जनता की सुरक्षा ऐसे भ्रष्ट शासन-प्रशासन के नेतृत्व में कैसे संभव हो सकेगा?
पुलिस अधिकारी द्वारा उच्च न्यायालय के आदेशों की अवहेलना करने तथा अब तक के 24 बिंदुओं की मांग संबंधी ज्ञापन के संदर्भ को संज्ञान में लेते हुए भ्रष्टाचार को समाप्त करने के संदर्भ में
उचित न्याय एवं दंडात्मक कार्यवाही होने तक प्रशासन के काले कारनामों के विरोध के प्रतीक काली पट्टी बांधकर क्रमिक धरने को आगे भी जारी रखने का ऐलान किया गया है.