हृदय रोग से ग्रस्त मथुरा जेल में कैद अतीकुर्रहमान को इलाज के लिए तत्काल रिहाई की मांग किया रिहाई मंच ने

  • रिहाई मंच ने मथुरा जेल में कैद हृदय रोग से ग्रस्त अतीकुर्रहमान को इलाज के लिए अंतरिम ज़मानत न दिए जाने को अमानवीय और उसके जीवन के अधिकार का हनन बताया

रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव ने कहा कि मेरठ निवासी और चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में पीएचडी के छात्र 27 वर्षीय अतीकुर्रहमान हृदय रोग से ग्रस्त हैं जबकि अक्तूबर 2020 में गिरफ्तारी के दस साल पहले से उनका दिल्ली एम्स में इलाज चल रहा था.

गिरफ्तारी से एक महीना पहले डॉक्टरों ने उनकी सर्जरी करने का सूझाव दिया था. उन्होंने अतीकुर्रहमान के बड़े भाई का हवाला देते हुए कहा कि अगर उनको उचित उपचार नहीं मिला तो उनकी जान को खतरा हो सकता है.

राजीव यादव ने यूएपीए (UAPA) के अंतर्गत महाराष्ट्र की जेल में कैद फादर स्टेन स्वामी की बीमारी से मौत को उद्धृत करते हुए कहा कि-

“उस घटना से कोई सबक नहीं सीखा गया, इलाज के लिए बार-बार गुहार लगाने के बावजूद स्टेन स्वामी को ज़मानत नहीं दी गई थी. उन्होंने कहा कि अतीकुर्रहमान के मामले में भी इलाज के लिए अंतरिम ज़मानत को लेकर सरकार का रवैया अनुचित और क्रूरतापूर्ण है.”

मंच महासचिव ने कहा कि जीवन का अधिकार सर्वोपरि है और किसी भी स्थिति में उससे समझौता नहीं किया जा सकता. अगर अतीकुर्रहमान के साथ कोई अनहोनी होती है तो उसके दाग उत्तर प्रदेश सरकार के साथ ही अदालत के दामन पर भी लगेंगे.

हाथरस बलात्कार पीड़िता के गांव पीड़ित परिवार से मिलने जाने के प्रयास में उत्तर प्रदेश सरकार ने अतीकुर्रहमान और पत्रकार सिद्दीक कप्पन समेत आठ मुसलमानों को आतंकवाद विरोधी कानून यूएपीए के तहत गिरफ्तार किया था।

आपको बताते चलें कि अतीकुर्रहमान को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का सदस्य बताया गया था हालांकि अतीक के परिजन इससे इनकार करते हैं.

इसके अलावा पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया को प्रतिबंधित संगठन घोषित नहीं किया गया है, ऐसे में अतीकुर्रहमान की गिरफ़्तारी तर्कसंगत नहीं लगती है.

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