‘इण्डियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन’ के बैनर तले पत्रकारों ने राष्ट्रपति को सम्बोधित ज्ञापन एसडीएम को सौंपा

  • लोकतंत्र को सुरक्षित रखने के लिए सुरक्षित वातावरण की आवश्यकता
  • देश के पत्रकारों को समुचित सुरक्षा प्रदान करने का बने कानून
  • चौथे स्तंभ असुरक्षित मतलब खतरे में लोकतंत्र : सुरेन्द्र कुमार सिंह

गोरखपुर: इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन के बैनर तले सुरेंद्र कुमार सिंह पूर्वांचल प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में दर्जनों इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, प्रिंट मीडिया के पत्रकारों ने राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन उप जिलाधिकारी कैंपियरगंज अरुण कुमार सिंह को सौंपकर पत्रकारों की रक्षा व सुरक्षा की मांग की.

इण्डियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष पूर्वांचल सुरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि- “पत्रकारिता लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ है. भारत मेंं मीडिया ने लोकतांत्रिक परम्पराओं एवं जन तंत्र की रक्षा और सुरक्षा के लिए निस्वार्थ भाव से हमेशा योगदान दिया है.”

लोकतंत्र के रक्षक व समाज के सजग प्रहरी के रूप में पत्रकार अपनी भूमिका सफलता पूर्वक निर्वहन कर रहे हैं. परन्तु गत वर्षों में पत्रकारों के साथ हुई दमनकारी घटनाओं, अपहरण, हत्या, आक्रमण जैसी घटनाओं ने मीडिया की आजादी को खतरे में डाल दिया है जिसका प्रभाव लोकतंत्र की सुरक्षा और जनतांत्रिक परम्पराओं पर पड़ रहा है.

उन्होंने कहा कि दैनिक भास्कर व भारत समाचार द्वारा लगातार कोविड से हुई मौतों, बेरोजगारी व बढ़ती महंगाई पर लगातार खुलासे किये जा रहे हैं जिसके कारण केन्द्र व प्रदेश की तानाशाह सरकार की अनीतियां जनता के सामने उजागर हो रही है.

चौथे स्तम्भ की आवाज को दबाने के लिए सरकार ने भारत समाचार के चीफ एडीटर ब्रजेश मिश्रा व स्टेट हेड विरेन्द्र सिंह के घर, ऑफिस व प्रतिष्ठानों पर आयकर विभाग से छापेमारी कराकर धमकाया व दबाया जा रहा है.

इस कार्यवाही से कर्मठ, ईमानदार, जुझारू क्रांतिकारी के रूप में सक्रिय चौथे स्तम्भ को दबाने व बदनाम करने की साजिश की जा रही है, जो निन्दनीय है.

सरकार की इस कायरतापूर्ण कार्यवाही से देश के समस्त मीडिया कर्मियों में रोष ब्याप्त है. आज देश में पत्रकारों के समक्ष विषम परिस्थितियां हो गयी हैं. लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पत्रकारों की सुरक्षा खतरे में है.

पत्रकारों को धमकी, हत्या व फर्जी मुकदमों में फंसाकर जेल भेजने की घटनाएं लगातार हो रही है. पत्रकारों को सुरक्षा देने की बजाय सरकार खुद हमलावर है.

ऐसे में कानून ऐसा बनाया जाय कि पत्रकार सुरक्षित रह सकें और स्वतंत्र व निष्पक्ष रूप से अपना कार्य कर सकें. पत्रकारों के सुरक्षा के लिए पत्रकार प्रोटेक्शन एक्ट बनाया जाय.

देश में पत्रकार पेंशन योजना एवं पत्रकार भविष्य निधि की स्थापना कराया जाय. पत्रकारों का सरकारी खर्च पर सामूहिक बीमा कराया जाय.

पत्रकारों के खिलाफ दर्ज शिकायतों की जांच कराने के बाद दोषी पाये जाने पर ही कार्यवाही की जाय. देश में लोकतंत्र को सुरक्षित रखने के लिए सुरक्षित वातावरण की अति आवश्यक है.

देश के पत्रकारों को समुचित सुरक्षा प्रदान किये बगैर यह सम्भव नहीं है, तहसील प्रभारी चंद्रप्रकाश अग्रहरि ने कहा कि इस तरह की बर्बरता रोकी जानी चाहिए अन्यथा सरकार का यह कदम देशहित में नहीं होगा.

ज्ञापन देने वालों में सुरेन्द्र कुमार सिंह प्रदेश अध्यक्ष पूर्वांचल, ओमप्रकाश श्रीवास्तव राष्ट्रीय सहारा, वलायत अली शकुन टाइम्स, दुर्गा शरण श्रीवास्तव संचार भारत, वीरेंद्र कुमार सिंह, सचिन यादव, विजय कुमार आदि रहे.

Leave a Comment

Translate »
error: Content is protected !!