गोरखपुर: शासन, प्रशासन के वर्तमान कार्यशैली पर आमजन में भारी असंतोष है कि आखिर क्या वजह है कि लोकहितों के मुद्दे पर शासन, प्रशासन अपनी खामोशी तोड़ने में असमर्थ है?
क्या जनहित के मुद्दे निराधार हैं या शासकीय तंत्र लाचार और बीमार है? अफसोस का विषय है कि लोकतांत्रिक व्यवस्था के प्रदेश के मुखिया कहे जाने वाले मुख्यमंत्री के नगर में विकास प्राधिकरण गोरखपुर
के आरोपी लोक सेवकों के नेतृत्व में अवैध निर्माण व अवैध संचालन का गोरखधंधा जोरों पर है और पायलट प्रोजेक्ट का मंसूबा धूल फांकता नजर आ रहा है.
ऐसे में यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि आरोपी भ्रष्ट लोक सेवकों के भ्रष्टाचार का शिकंजा शासकीय तंत्र पर कसता नजर आ रहा है.
ऐसे में जनता को पायलट प्रोजेक्ट का सपना दिवास्वप्न लग रहा है और निरंकुश अवैध निर्माण व संचालन के कारण जाम व अप्रिय घटना के साथ-2 यातायात पुलिस के अनावश्यक आर्थिक दंड का शिकार होने के साथ ही
गोपनीयता जैसे संवैधानिक अधिकारों से वंचित हैं क्योंकि आवासीय क्षेत्रों में निर्धारित मानक व प्रक्रिया के विपरीत अवैध निर्माण व संचालन का धंधा धडल्ले से फल फूल है.
इसके कारण लोक सेवकों के भ्रष्टाचार का धंधा निरंतर चार चांद लगाता जा रहा है. यही वजह है कि तीसरी आंख मानवाधिकार संगठन के संस्थापक महासचिव शैलेंद्र कुमार मिश्र ने
अहिंसा युक्त सत्याग्रह संकल्प के 37 वें दिन कहा कि- “व्यवस्था के पोषकों द्वारा मूक हिंसायुक्त दमनकारी नीति से लोक हितों की उपेक्षा करने के कूट रचित षड्यंत्र को संगठन विफल करने
व लोकतांत्रिक व्यवस्था को मूल रूप में स्थापित करने में सक्षम है, इस बात को व्यवस्था के भ्रष्ट पोषकों को समझना होगा, अन्यथा गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.”
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से उपस्थित संगठन के संरक्षक डा. पी.एन. भट्ट, वरिष्ठ कार्यकर्ता जियाउद्दीन अन्सारी, वरिष्ठ अधिवक्ता राजेश शुक्ला कमिश्नरी बार गोरखपुर इत्यादि भारी संख्या में मशाल लिए लोग उपस्थित रहे.