50 लाख डॉलर के इनामी आतंकी को तालिबान सरकार ने बनाया गृहमंत्री

अफगानिस्तान में पिछले कई दिनों से चल रहे उठापटक के बाद अंततः तालिबान द्वारा नई सरकार का एलान करने के साथ ही मंत्रालयों का बंटवारा भी कर दिया गया है.

नवीन बने तालिबानी सरकार में कई ऐसे नाम हैं जिन्हें संयुक्त राष्ट्र संघ के द्वारा आतंकवादी घोषित कर रखा गया है. आपको यहां बता दें कि अफगानिस्तान की नई सरकार में कुल 33 मंत्री शामिल हैं

जिनमें मौलाना मोहम्मद हसन अखुंद को अफगानिस्तान का नया प्रधानमंत्री बनाया गया है जबकि मुल्लाह बरादर तथा मौलवी हन्नाफी को उपप्रधानमंत्री का पद सौंपा गया है.

ध्यान देने का विषय यह है कि नई सरकार में बने प्रधानमंत्री हसन अखुंद तालिबान की फैसले लेने वाली ताकतवर संस्था रहबरी शुरा या नेतृत्व परिषद के प्रमुख हैं जिनके अप्रूवल के बाद ही सभी मामलों को निपटाने का कार्य किया जाता है.

इस संबंध में पाकिस्तान के द न्यूज इंटरनेशनल ने लिखा है कि हेबतुल्ला ने खुद सरकार का नेतृत्व करने के लिए हसन का नाम प्रस्तावित किया था जो अफगानिस्तान में चलाए गए संपूर्ण आंदोलन के संस्थापकों में से एक रहा है.

इसने 20 वर्षों तक शूरा के प्रमुख के तौर पर काम किया और मुल्लाह हेबतुलला का सबसे करीबी माना जाता है. वर्ष 2001 के दौरान अफगानिस्तान में तालिबानी शासन के दौरान विदेश मंत्री और उपप्रधानमंत्री के तौर पर भी कार्य किया था.

अफगानिस्तान में कुख्यात हक्कानी नेटवर्क के प्रमुख और प्रसिद्ध सोवियत विरोधी सिपहसालार जलालुद्दीन हक्कानी के बेटे सिराजुद्दीन हक्कानी को भी गृह मंत्री पद की कमान सौंपी गई है.

सिराजुद्दीन एक विशेष रूप से चर्चित वैश्विक आतंकवादी है जिसके विषय में एफबीआई की वेबसाइट पर आसानी से जानकारी ली जा सकती है.

अमेरिकी विदेश विभाग ने हक्कानी की गिरफ्तारी के लिए सूचना देने वाले व्यक्ति को $5 मिलीयन तक का इनाम घोषित कर रखा है.

बताया जाता है कि सिराजुद्दीन पाकिस्तान के उत्तरी वजीरिस्तान में मीरानशाह क्षेत्र में रहता है तथा तालिबान और अलकायदा के साथ उसके बहुत ही मजबूत संबंध है.

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