भ्रष्ट लोक सेवक सभ्य समाज के लिए कैंसर के समान: शैलेन्द्र

गोरखपुर: गोरखपुर विकास प्राधिकरण के भ्रष्ट लोकसेवकों के संरक्षण में कराए जा रहे अवैध निर्माण व संचालन ने जिला प्रशासन और शासन को गूंगा-बहरा बनने पर विवश कर दिया है जिसके कारण अवैध निर्माण व संचालन का धंधा जोरों पर है.

यही वजह है कि इसके विरुद्ध तीसरी आंख मानवाधिकार संगठन पिछले 59 दिनों से क्रमिक धरना अध्यक्ष विकास प्राधिकरण/मंडलायुक्त गोरखपुर

के कार्यालय पर संचालित अपने कार्यक्रम सत्याग्रह संकल्प के द्वारा अपनी आवाज उठा रहा है किन्तु यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पर व्यवस्था के पोशक लाचार, बीमार और मूकदर्शक बने हुए हैं.

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संगठन के संस्थापक महासचिव शैलेंद्र कुमार मिश्र ने सत्याग्रह संकल्प के 59 वें दिन कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कही.

उन्होंने बताया कि ऐसे भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति सभ्य समाज में कैंसर रूपी गंभीर बीमारी का रूप धारण कर रही है जो

नगर नागरिकों व विकसित या विकासशील समाज के लिए स्वस्थ्य संदेश नहीं है. बड़े खेद के साथ कहना पड़ रहा है कि विकास प्राधिकरण के

अध्यक्ष के कार्यालय के पीछे दर्जनों आवासीय भवनों के मूल स्वरूप को नष्ट कर बगैर स्वीकृत मानचित्र व पार्किंग के व्यावसायिक स्वरूप देते हुए

निर्धारित मानक व प्रक्रिया के विपरीत कसया रोड कबाड़ खाना, छात्रसंघ चौक, नाले पर स्थित कबूतरा सदन, भवन संख्या 65 ए और आयुष ट्रैक्टर एजेंसी

व सर्विस सेंटर के साथ-साथ बेतियाहाता चैक स्थित लाइफ डायग्नोस्टिक सेंटर कसया रोड गोरखपुर, पार्क रोड गोरखपुर स्थित दर्जनों आवासीय भवनों में

संचालित हॉस्पिटल जो बगैर स्वीकृत मानचित्र पार्किंग के अवैध संचालन हो रहे हैं जिसे विकास प्राधिकरण गोरखपुर द्वारा संरक्षण प्रदान किया गया है.

महायोजना के निर्धारित दिशा निर्देश व नियमावली धूल फाकती नजर आ रही है और जिम्मेदार लोक सेवक मूदर्शक बने हुए हैं.

आम नागरिकों में यह बेहद निंदा का विषय बना हुआ है कि आखिर जिला प्रशासन व शासन लोकहित के मुद्दे पर चल रहे क्रमिक धरने के 59 दिनों के बाद भी लोकहित के मुद्दे को उपेक्षा का शिकार क्यों बनाया है.?

ऐसे कुप्रशासन पर लोकों द्वारा चुनी गई लोक कल्याणकारी सरकार कुप्रशासन का संरक्षण करने में मदमस्त है जो लोक कल्याणकारी सरकार की मूल परिकल्पना का नितय् चिरहरण करने का खेल खेल रहे हैं.

कार्यक्रम में प्रमुख रूप से उपस्थित संगठन के संरक्षक डा. पी.एन. भट्ट, संस्थापक महासचिव शैलेन्द्र कुमार मिश्र, अधिवक्ता गिरिजेश शुक्ला, मद्धेशिया, जय बहादुर इत्यादि भारी संख्या में लोग उपस्थित रहे.

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