‘मेरा रंग फाउंडेशन’ ने कोविड महामारी से उपजे मानसिक तनाव से बचने के लिए लोगों को किया जागरूक

गोरखपुर: ‘मेरा रंग फाउंडेशन’ द्वारा शहर के होटल विवेक में आयोजित “महामारी के दौर में मानसिक स्वास्थ्य” विषय पर चर्चा सम्पन्न हुई,

चर्चा में बतौर विशेषज्ञ गोरखपुर विश्वविद्यालय से प्रोफेसर धनंजय कुमार मनोचिकित्सक डॉ० अभिनव श्रीवास्तव, मनोवैज्ञानिक डॉ० अपर्णा पाठक ने अपने वक्तव्य रखें.

कायर्क्रम शुरू होने से पूर्व दिवंगत नारीवादी व समाजसेविका स्वर्गीय कमला भसीन को श्रद्दांजलि दिया तथा उपस्थित लोगों ने दो मिनट का मौन रखा.

श्रद्दांजलि के बाद शालिनी श्रीनेत ने पौधे देकर उपस्थित वक्ताओं का स्वागत किया. महामारी के कारण मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव के कारणों के बारे में बताते हुए मनोचिकित्सक डॉ० अभिनव श्रीवास्तव ने बताया कि-

“होने वाली अनहोनी, अफवाहों, चारो तरफ से आने वाली मौत की खबरें, ऐसा होगा तो हमारा क्या होगा जैसी बातों ने इंसान के मस्तिष्क में डर बैठा दिया.

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इस डर से इंसान की सामान्य सोच समझ की शक्ति खत्म हुई जिससे मानव शरीर में जो बायोलॉजिकल परिवर्तन आए उन्होंने धीरे-धीरे मानव शरीर को भौतिक रूप से प्रभावित किया और लोग बीमार पड़ने लगें.

उन्होंने बताया कि इससे बचने के लिए हमारे मानसिक स्वास्थ्य का दुरुस्त होना आवश्यक है. गोरखपुर विश्वविद्यालय के मनोविज्ञानि प्रोफ़ेसर धनंजय कुमार ने बताया कि-

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मनुष्य के लिए अस्तित्व की लड़ाई आदिकाल से ही चुनौती रही है, कभी जंगल में रह रहे जानवरों से जान बचाने या दूसरे कबीले के आक्रमण से बचने के लिए रहा हो.

महामारी का ये दौर भी इसी तरह गुजरा है, महामारी के इस दौर में भी मनुष्य के पास कोई प्रकृति प्रदत हथियार नही थे.

अपनी मानसिक स्तिथि की मजबूती से ही उसने अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ी और आज कोविड जैसी अनजान महामारी से हम मानसिक स्वास्थ्य के दम पर अपनी लड़ाई कोरोना को हराया.

दरअसल शारीरिक सेहत के बराबर ही मानसिक स्वास्थ को भी प्राथमिकता देने की आवश्यकता है.

मनोवैज्ञानिक डॉ० आपर्णा पाठक ने कहा कि महामारी के पहले मानसिक स्वास्थ्य पर बात करना सामान्य नही था.

आमतौर पर लोग मानसिक स्वास्थ्य की समस्या से ग्रसित व्यक्ति को पागल होना समझते थे लेकिन महामारी के बाद परिस्तिथियों में बदलाव आया है, लोग खुलकर मानसिक समस्याओं पर बात करते हैं.

चर्चा में गोरखपुर विश्वविद्यालय में मानसिक स्वास्थ्य पर चल रहे वर्कशाप के निष्कर्षों पर गृहविज्ञान विभागाध्यक्षा दिव्या रानी सिंह और डॉ० चेतना पांडेय ने भी अपना वक्तय दिया.

विशेषग्यों के वक्तव्य समाप्त होने के बाद उपस्थित लोगों ने मानसिक स्वास्थ्य को लेकर सवाल भी पूछे, विशेषज्ञों ने उन्हें उत्तर देकर संतुष्ट किया.

कार्यक्रम का संचालन पूर्वांचलसेना अध्यक्ष धीरेन्द्र प्रताप ने किया, अंत में मेरा रंग फाउंडेशन की संस्थापक व कार्यक्रम संयोजक शालिनी सिंह श्रीनेत ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया.

इस अवसर पर अंजू शुक्ला, रंजम सिंह, संगीता मल, निधि निधान, रंजीत सिंह, सुषमा सिंह, रंजना वर्मा, रचना वर्मा, तन्नू अनस सहित विभिन्न सामाजिक संगठनों से आए पदाधिकारी व लोग उपस्थित रहे.

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