गोरखपुर: कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता की हत्या के प्रकरण में पुलिस द्वारा की जा रही लीपापोती से आक्रोशित पूर्वांचल सेना ने आज जिलाधिकारी जिलाधिकारी
कार्यालय पर जोरदार विरोध प्रदर्शन करते हुए मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने, मनीष के परिजनों को मुआवजे के तौर पर ₹एक करोड़ और एक नौकरी देने की
मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन करते हुए मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकरी गोरखपुर के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजा.
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जिलाधिकारी कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन के दौरान आक्रोशित पूर्वांचल सेना के कार्यकर्ताओं ने “ठोको नीति नहीं चलेगी”, “मनीष के हत्यारों को फांसी दो”
“दोषी पुलिसकर्मियों को जेल भेजो”, “एसपी-डीएम होश में आओ- दोषी पुलिसकर्मियों को बचाना बंद करो”, “लोकतंत्र जिंदाबाद संविधान जिंदाबाद” जैसे गगनभेदी नारे लगाए.
उल्लेखनीय है कि गोरखपुर के रामगढ़ थाना क्षेत्र स्तिथ एक होटल में दिनांक 27 सितम्बर, 2021 की रात पुलिस द्वारा कथित चेकिंग के दौरान ठहरे मनीष गुप्ता की पीट-पीटकर हत्या कर दिया था.
इसके बाद जिलाधिकारी गोरखपुर व पुलिस कप्तान के द्वारा मनीष गुप्ता की पत्नी पर एफ आईआर न लिखवाने का दबाव बनाने वाला एक वीडियो भी वायरल हुआ.
विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे पूर्वांचल सेना अध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने कहा- “मनीष गुप्ता की हत्या में शामिल पुलिसकर्मी पर पूर्व में भी कस्टडी में मौतों के मामले हो चुके हैं,
जबकि मनीष गुप्ता के शव की स्थिति को देखते हुए यह स्पष्ट प्रतीत होता है कि उनके साथ बर्बरता से मारपीट किया गया था जिसके कारण उनकी मौत हुई.
लेकिन जिलाधिकारी और कप्तान द्वारा मनीष गुप्ता की पत्नी पर एफआईआर न लिखवाने का दबाव बनाना, पुलिस कप्तान द्वारा झूठी कहानी बनाकर पीटकर हत्या को
दुर्घटना बताकर हत्यारे पुलिसकर्मियों को बचाने का कार्य करना अंत्यंत दुखद व् सम्पूर्ण न्याय व कानून व्यवस्था का चीरहरण है.
उन्होंने कहा कि होटल में रुके व्यवसाई की पुलिस द्वारा पीटकर हत्या के बाद प्रशासन की साख पर बट्टा लगने के साथ-साथ अपने हर दुख,
दर्द में न्याय के लिए पुलिस को याद करने वाली जनता में पुलिस के प्रति घोर अविश्वास पैदा करना है जिसके बहुत बुरे परिणाम होंगे.
उन्होंने कहा कि मांगे नहीं मानी जायेगी तो हम गंभीर आंदोलन छेड़ेंगे. चुंकि गोरखपुर- नेपाल के अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर के करीब का महत्वपूर्ण जिला है
जो नेपाल के लिए सबसे बेहतर अंतरराष्ट्रीय मार्ग है. इसके अलावा गोरखनाथ, कुशीनगर, लुंबिनी, कपिलवस्तु आदि अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थलों पर जाने वाले पर्यटक
गोरखपुर के होटलों में भारी संख्या में रुकते हैं, गोरखपुर घूमने आए मनीष गुप्ता की हत्या के बाद से पर्यटकों के मन में सुरक्षा को लेकर संशय उत्पन्न होगा जिससे क्षेत्र का पर्यटन उद्योग प्रभावित होगा.
बता दें कि जांच के नाम पर पुलिस पहले से ही होटल में ठहरे यात्रियों से धन वसूली करती रही है और अवैध धंधों को संरक्षण देती रही है जिसके मामले पहले भी सामने आए हैं.
पुलिस का यह रवैया इस क्षेत्र में पनप रहे पर्यटन उद्योग को बुरी तरह से प्रभावित करने वाले है और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर पानी फेरने वाले हैं.
पूर्वांचल सेना के जिलाध्यक्ष सुरेन्द्र वाल्मीकि ने कहा कि मनीष गुप्ता हत्याकांड के मामले में पुलिस कप्तान का बयान बनावटी और दोषियों को बचाने वाला प्रतीत होता है जो आम जनता के गले नहीं उतर रहा है,.
बिना उच्च स्तरीय जांच कराएं निष्पक्ष जांच संभव नहीं है इसलिए उच्च स्तरीय जांच कराया जाए और जांच में आरोपी पुलिसकर्मियों के संपत्तियों की जांच को भी शामिल किया जाए.
गोरखपुर में आने वाले पर्यटक होटल में सुरक्षित है, ऐसा विश्वास लोगों में बना रहे इसलिए इस संपूर्ण प्रकरण को फास्ट ट्रेक कोर्ट में सुनवाई करा कर जल्द से जल्द फैसला कराया जाए.
इस अवसर पर पूर्वांचल सेना महासचिव प्रणय श्रीवास्तव, मंजेश कुमार, ईश् कुमार, अनिल कुमार बौद्ध, महेंद्र कुमार, अजय, मनोज, यशवंत, तारीख आलम, नसीम अहमद, राधे निषाद सहित भारी संख्या में पूर्वांचल सैनिक मौजूद रहे.