गांधी जी के जन्म उत्सव को संपूर्ण विश्व द्वारा ‘विश्व अहिंसा दिवस’ के रूप में मनाना भारतीयों के लिए है गौरव का विषय

  • महात्मा गांधी ने सभी को एक सूत्र में बांधने की भरपूर कोशिश की-श्रीमती दीप्ति श्रीवास्तव

सनराईज कोचिंग सेंटर एवं राष्ट्रीय मानवाधिकार संघ-भारत गोरखपुर इकाई के संयुक्त तत्वावधान में महानगर कार्यालय तुर्कमानपुर गोरखपुर में कवि सम्मेलन एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया गया.

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए श्रीमती दीप्ति श्रीवास्तव ने कहा कि महात्मा गांधी सब को एक सूत्र में बांधने की भरपूर कोशिश किया जिसमें सफल रहे.

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय प्रवक्ता ई.मो.मिन्नतुल्लाह ने संबोधित करते हुए कहा कि यह भारतीयों के लिए गर्व का विषय है कि संपूर्ण विश्व महात्मा गांधी के जन्म उत्सव को विश्व अहिंसा दिवस के रूप में मनाता है.

जबकि डॉक्टर एहसान अहमद ने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री भारत वर्ष के ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिनका जीवन प्रेरणा का प्रमुख स्रोत है.

साथ ही साथ हाजी जलालुद्दीन कादरी, आशीष रुंगटा, दानिश मुस्तफा आदि ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया.

कार्यक्रम का संचालन करते हुए मोहम्मद आकिब ने बताया कि यह हम लोगों का सौभाग्य है कि हम एक साथ दो-दो महापुरुषो को याद कर रहे हैं.

कवि सम्मेलन का संचालन करते हुए रूद्र उत्कर्ष शुक्ला ने पढ़ा- कर्म पथ पर अग्रसर वह स्वयं स्व को हारता, लड़खड़ाते पांव को आगे बढ़ाता जा रहा था.

मिन्नत गोरखपुरी ने पढ़ा-बापू है नाम जिसका, वह इंसान के रूप में भगवान का ही अवतार था. श्वेता मिश्रा शुभी ने पढ़ा-तोड़कर जात के एक जंजीर को, पर्स में मैं रखी उसकी तस्वीर को

एकता उपाध्याय ने पढ़ा-सौराष्ट्र की पावन धरती पर, सौभाग्य सूर्य तुम उदित हुए, मुख क्लान्त देख भारत माँ का तुम आजादी की ज्योति लिए.

दिव्या मालवीय ने पढ़ा-शहीदों पर कुछ लिख दूं, इतनी भी मेरी औकात नहीं, काश उनकी कुर्बानी उसे उठती हो जाऊं इतना भी सौभाग्य नहीं।।

कार्यक्रम के संयोजक अयान खान एवं मकसूद आलम ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर पर शफीक खान,

मोहम्मद सेराज सैय्यद इरशाद अहमद, एडवोकेट अनीस अहमद, राशिद कलीम अंसारी आदि मौजूद रहे.

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