मिली जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में किसानों तथा बीजेपी नेता के बीच हुई झड़प जिसमें 8 लोगों की मृत्यु हो चुकी है,
का मामला अब तूल पकड़ता चला जा रहा है. किसान एक तरफ मृतक कृषको की लाशों को लेकर धरने पर बैठ गए हैं जिसको राकेश टिकैत ने भी समर्थन दे दिया है.
सभी किसानों का यही मांग है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा और उसके बेटे आशीष मिश्रा पर केस दर्ज करके गिरफ्तार किया जाए
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क्योंकि जब तक ऐसा नहीं किया जाएगा तब तक मृतक किसानों का अंतिम संस्कार नहीं होगा.
किसानों के साथ कांग्रेस महासचिव तथा उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी के लखीमपुर पहुंचने से सियासी रंग चढ़ता चला जा रहा है.
हालांकि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ने अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि- “किसानों के बीच छुपे हुए कुछ उपद्रवी तत्वों ने उनके कार्यकर्ताओं की गाड़ियों पर पथराव किया तथा लाठी डंडे से भी वार किया.”
यहां तक कि उनके कार्यकर्ताओं की गाड़ियों को सड़क से नीचे धक्का देकर खाई में धकेल दिया गया तथा आग लगा दी गई और बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ की भी वारदात को अंजाम दिया गया.
अजय मिश्रा ने यह भी संभावना व्यक्त किया कि यदि उनका बेटा इन उपद्रवियों के हाथ लग जाता तो शायद उसको भी मॉब लिंचिंग का शिकार होना पड़ता.
दोनों तरफ से हुई इस झड़प में किसानों की मृत्यु के साथ-साथ भाजपा कार्य- कर्ताओं की भी हत्या हुई है.
आपको यहां बताते चलें कि उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए कृषि कानून के विरुद्ध किसानों ने धरना दे रखा है
तथा उस हेलीपैड पर भी कब्जा जमा लिया है जहां डिप्टी सीएम केशव मौर्य और केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी हेलीकॉप्टर उतरने वाला था.
विरोध करने वाले किसानों के हाथों में भारतीय किसान यूनियन के झंडे और काले झंडे भी थे. लखीमपुर खीरी के तिकुनिया स्थित महाराजा अग्रसेन इंटर कॉलेज में हुआ.
ऐसा बताया जा रहा है कि इस हेलीपैड पर उतरने वाले नेताओं का विरोध करते हुए हेलीपैड पर पहुंच गया जिसके कारण स्थिति बेकाबू हो गई.
बढ़ती भीड़ तथा हिंसात्मक गतिविधियों को देखते हुए प्रशासन के कर्मचारियों, अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए.
तथा पुलिस के कई लोग मैदान छोड़कर भाग निकले, इस भगदड़ में किसानों, पत्रकारों के अतिरिक्त ढेरों कार्यकर्ताओं के घायल होने की सूचना है.