एयर इंडिया के फिलहाल घाटे में चलते रहने, भारी कर्ज में डूबने के कारण अंततः सरकार ने इसे नीलाम कर ही दिया.
वर्ष 2018-19 में एयर इंडिया को लगभग ₹4,424 करोड़ का ऑपरेशनल घाटा हुआ था जबकि वर्ष 2017-18 में 1,245 करोड़ रुपए का नुकसान सहना पड़ा था.
इसे देखते हुए नरेंद्र मोदी सरकार ने एयर इंडिया को टाटा संस को बेच दिया है. आपको यहां एक और सूचना देते चलें कि नरेंद्र मोदी सरकार 2022 से एयरपोर्ट के निजीकरण को लेकर तैयारी करना शुरू कर दिया.
इस विषय में नागर विमानन सचिव प्रदीप सिंह खरोला का कहना है कि एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया निजीकरण की संभावनाओं को लेकर जांच कर रही है.
इसके अंतर्गत चुनिंदा दस एयरपोर्ट के लिए अवार्ड जारी करने की प्रक्रिया शुरू की जाने वाली है. यदि फायदे में चल रहे हों अथवा नुकसान का सामना कर रहे हों तो एक निश्चित समयांतराल के अंतर्गत निजीकरण किया जाएगा.