गोरखपुर: सीएम सिटी गोरखपुर में ‘जश्ने ईद उल मिलाद उन नबी’ के मौके पर ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) की तरफ से
जिला अध्यक्ष मोहम्मद इस्लाम साहब की आज्ञा से जिला प्रमुख महासचिव सेराज अहमद खान ने महुआ तिराहा तक के आने वाले जुलूस का स्वागत करने का प्रोग्राम किया.
इसमें जंगल मातादीन का जुलूस, मोहनापुर घोसीपुरवा का जुलूस, मोहम्मद नगर का जुलूस, लतीफ नगर का जुलूस शामिल था.
मोहब्बत और अमन का सन्देश देने वाले इस पर्व के मौके पर जिला प्रमुख महासचिव सिराज अहमद खान ने जुलूस में आए तमाम मूतवल्ली,
तमाम आलिम ए दीन, तमाम मस्जिद के सदर एवं इमाम लोगों का इस्तकबाल करते हुए सबको माला पहनाकर सम्मानित किया.
इसमें जंगल मातादीन का जुलूस प्रमुख रहा जंगल मातादीन के जिम्मेदार, गुलशन-ए-मदीना मस्जिद के इमाम जनाब रुखसार साहब,
नायब इमाम जनाब सिराज अहमद साहब, मस्जिद के सदर जनाब जाफर अली मंसूरी साहब एवं मूतवल्ली नसीम, दिलशाद, इरशाद, इकबाल, आबिद और तमाम लोग मौजूद रहे.
मोहनापुर घोसीपुरवा से जनाब हाफिज सफदर साहब, आजाद भाई एवं तमाम लोग मौजूद रहे. मोहम्मद नगर कॉलोनी से जनाब सोहेल, जनाब हाफिज रहीम साहब एवं तमाम लोग मौजूद रहे.
लतीफ नगर कॉलोनी से सोनू एवं तमाम लोग मौजूद रहे जबकि जिला प्रमुख महासचिव सेराज अहमद खान, जुलूस के लौटने पर अपने मोहल्ले के जुलूस जंगल मातादीन के साथ शामिल होकर जुलूस के साथ पादरी बाजार होते हुए मस्जिद तक गए.
जुलुस के स्वागत एवं शांति वयवस्था को दुरुस्त करने के उद्देश्य से पादरी बाजार पुलिस चौकी के चौकी प्रभारी जुलूस में मौजूद रहे.
जिला प्रमुख महासचिव सदर साहब और मूतवल्ली साहब चौकी प्रभारी का भी स्वागत किया और नारे तकबीर, अल्ला हू अकबर और नारे रिसालत का नारा लगाया.
इस्लाम धर्म के पैगंबर मोहम्मद साहब के जन्मदिन के अवसर पर उनकी याद में मुस्लिम जुलूस निकालते हैं तथा जगह-जगह कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है.
आपको बता दे कि पैगंबर हजरत मोहम्मद सल्लाह अलैहे वसल्लम की माता का नाम अमीना बीबी और पिता का नाम अब्दुल्ला था.
ऐसा बताया जाता है कि मोहम्मद साहब ने ही अल्लाह के द्वारा दिए गए संदेश को मुस्लिम धर्म के सबसे पवित्र ग्रंथ
कुरान के रूप में जन-जन तक पहुँचाया. उन्होंने संदेश दिया था कि दुनिया में सबसे नेक इंसान वही है जिसमें मानवता होती है.