सीपीआई के बड़े नेता के रूप में पहचान रखने वाले कन्हैया कुमार जिन्होंने हाल ही में कांग्रेस की सदस्यता लिया है, ने बिहार में नीतीश सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि-
“बिहार में ऐसे हालात हो गए हैं कि लोगों को रोजगार, शिक्षा, इलाज के साथ-साथ हनीमून मनाने के लिए भी दूसरे राज्यों का रुख करना पड़ता है.”
ऐसा लगता है कि बिहार में ‘विकास’ नीतीश कुमार के चक्कर में फंस गया है. विकास के नाम पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रदेश के लोगों को सिर्फ भ्रमित किया है.
ऐसे में बिहार वासियों को यह सोचना होगा कि वास्तविक मायने में बिहार का विकास कौन कर सकता है.
कन्हैया कुमार ने विपक्षी एकता को लेकर तेजस्वी यादव पर पलटवार किया#बिहार pic.twitter.com/caexkwmZ0V
— Lutyens Media (@LutyensMediaIN) October 22, 2021
आपको बताते चलें कि इस समय बिहार राज्य के कुशेश्वर स्थान तथा तारापुर विधानसभा सीट पर 30 अक्टूबर को उपचुनाव होने वाले हैं.
इसी परिप्रेक्ष्य में कांग्रेस के प्रत्याशी राजेश कुमार मिश्रा के लिए कन्हैया कुमार प्रचार करने के उद्देश्य से पहुंचे हैं.
उनका यह प्रयास है कि कांग्रेस की नैया को किसी भी तरीके से जनसंपर्क तथा जनसभाएं करके पार लगाया जाए.
जब पत्रकारों ने उनसे कांग्रेस और राजद के अलग-अलग चुनाव लड़ने के मुद्दे पर सवाल पूछा तो कन्हैया कुमार ने बताया कि-
कांग्रेस बड़ी पार्टी है और हम लोग इस पार्टी का हिस्सा हैं. उन्होंने किसी का नाम लिए बगैर सिर्फ इतना बताया कि इस समय एक पढ़ा-लिखा इंसान भी लठैतों की भाषा बोलने लगा है.
बिहार में 2019 के दौरान हुए लोकसभा चुनाव में महज कांग्रेस ने 1 सीट जीता था. ऐसे में जरूरत इस बात की है कि वह कांग्रेस के साथ आएं ताकि बीजेपी को हराया जा सके.
आज बिहार के लोग पढ़ाई, रोजगार और अन्य कामकाज के लिए दूसरे राज्यों में पलायन करते हैं किंतु इसके बदले में उन्हें गाली और गोली मिल रही है.
जनता यह जानना चाहती है कि 30 वर्षों में क्या हुआ जब कांग्रेस सत्ता से बाहर थी. बीते 30 वर्षों में 15 साल राजद सत्ता में रह चुकी है.
कांग्रेस ही एक ऐसी पार्टी है जो जाति, धर्म, संप्रदाय से ऊपर उठकर सामाजिक न्याय और समाजिक एकता की बात करती है.