रावण को छोड़कर भीम आर्मी के संस्थापक सदस्य ‘उपकार बावरा’ ने थामा बसपा का दामन

मिली जानकारी के मुताबिक भीम आर्मी के संस्थापक सदस्य उपकार बावरा अपने सैकड़ों युवा साथियों के साथ बसपा के राष्ट्रीय संयोजक

आकाश आनंद की उपस्थिति में बसपा की सदस्यता अपना लिया है. इन्हें दिल्ली के रकाबगंज स्थित बसपा कार्यालय में पार्टी का सदस्य बनाया गया है.

बसपा सुप्रीमो मायावती के भतीजे आकाश आनंद ने ट्वीट किया है कि-आदरणीय मायावती जी के आदेशानुसार पार्टी में 50% भागीदारी सिर्फ युवाओं की होगी.

इन्हीं विचारों से प्रभावित होकर हमारे महापुरुषों के द्वारा शुरू किए गए बहुजन आंदोलन से आज कुछ और साथी जुड़ गए. उपकार बावरा जी और उनके तमाम साथियों का बस पर परिवार में स्वागत है.

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 की नजदीक आती तारीखों के साथ दलितों के बीच तेजी से उभर रहे भीम आर्मी का इस समय दो फाड़ होना कई राजनीतिक पहलुओं की ओर संकेत दे रहा है.

आपको बताते चलें कि 2 अप्रैल, 2018 को दलित आंदोलन के दौरान हुई हिंसा को लेकर बावरा को गिरफ्तार कर लिया गया था

और उनके ऊपर एनएसए भी लगाया गया जिसके कारण इन्हें 13 महीने जेल में रहना पड़ा. हालांकि फिलहाल वह जमानत पर बाहर हैं.

दलित राजनीति में चंद्रशेखर आजाद एक बड़े दलित नेता युवा नेता के रूप में अपनी पहचान बनाई हुई है.

इन्होंने आजाद समाज पार्टी के अलावे भीम आर्मी का गठन करके दलितों को एक युवा चेहरा दिया है. अगर देखा जाए तो विगत कई वर्षों से मायावती तथा चंद्रशेखर के बीच आरोप-प्रत्यारोप चलते रहे हैं.

अब जबकि विधानसभा चुनाव सिर पर है और सभी राजनीतिक दल अपने-अपने समीकरण जुटाने में लगे हुए हैं, ऐसे में भीम आर्मी का बिखराव सत्ता के गणित को बदल सकता है.

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