भारत के महान एथलीट अंजू बॉबी जॉर्ज देशभर में प्रतिभाओं को तराशने तथा लैंगिक समानता की सिफारिश करने के कारण इन्हें वर्ष के सर्वश्रेष्ठ महिला का पुरस्कार से सम्मानित किया है.
बता दें कि अंजू विश्व चैंपियनशिप में पदक जीतने वाली एकमात्र भारतीय हैं जिन्होंने वर्ष 2003 में पैरिस में आयोजित होने वाले एथलीट प्रतियोगिता के समय कांस्य पदक जीतकर यह गौरव प्राप्त किया था.
वर्ल्ड एथलेटिक्स ने अंजू को वर्ष की सर्वश्रेष्ठ महिला का पुरस्कार दिया है #AnjuBobbyGeorge #WorldAthleticsAwards #Indiahttps://t.co/fkjbZLUbnS
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विश्व एथलेटिक्स ने अपने विज्ञप्ति में बताया है कि पूर्व अंतरराष्ट्रीय लंबी कूद खिलाड़ी भारत की अंजू बॉबी जॉर्ज अभी भी खेल से जुड़ी हैं.
उन्होंने वर्ष 2016 में युवा लड़कियों के लिए प्रशिक्षण अकैडमी खोला जिसके कारण विश्व अंडर 20 पदक विजेता खिलाड़ी सामने आ सकी हैं.
इस सम्मान को प्राप्त करते हुए अंजू ने बताया कि वह काफी गौरवान्वित और अभिभूत हैं. उन्होंने ट्वीट किया है कि-
“सुबह उठकर खेल के लिए कुछ करने से बेहतर एहसास कुछ नहीं है. मेरे प्रयासों को सराहने के लिए धन्यवाद.”
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए अंजू ने बताया कि एक खिलाड़ी के तौर पर मेरा सफर बहुत कठिन रहा है. किंतु मैं भाग्यशाली हूं कि मैं वहां तक पहुंच सकी जिसकी मैं हकदार थी.
अब खेल को कुछ देने की मेरी बारी है. इस पुरस्कार से सम्मानित होने के बाद अंजू ने अपने समर्थकों, साथी खिलाड़ियों, खेल के कोचों, परिवार के सदस्यों,
महासंघ के पदाधिकारियों तथा संपूर्ण सफर में उनके साथ खड़े रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति को धन्यवाद भी ज्ञापित किया है.
आपको बता दें कि अंजू भारतीय एथलेटिक्स महासंघ की उपाध्यक्ष हैं जिन्होंने अपनी अकादमी अंजू बॉबी जॉर्ज फाउंडेशन सफलतापूर्वक चला रही हैं तथा 3 वर्षों के भीतर विश्व स्तर पर अपनी दस्तक दे पाने में कामयाब रही हैं.
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अंजू से जुड़े हुए कुछ विशेष तथ्य:
मूलतः केरल की रहने वाली अंजू ने आईएएएफ विश्व चैंपियनशिप प्रतियोगिता पेरिस में 2003 में कांस्य पदक जीता,
जबकि 2005 में मोनाको में आयोजित विश्व एथलेटिक्स के फाइनल में स्वर्ण पदक प्राप्त किया था. वर्ष 2004 में आयोजित एथेंस ओलंपिक में
इन्होंने छठा स्थान प्राप्त किया था किंतु अमेरिका की मारियो ऑन जॉन्स को डोपिंग मामले में आरोपित पाए जाने के कारण इन्हें पांचवा स्थान दिया गया.