एक तरफ देश में जहां एकता, सद्भाव और भाईचारा स्थापित करने के लिए अनेक संगठन काम कर रहे हैं वहीं भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हुए विंग
‘बजरंग दल’ एवं विश्व हिंदू परिषद देश को धर्म और जाति के आधार पर बांटने की कोशिश कर रहा है.
दरअसल प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र बनारस के अनेक घाटों जैसे पंचगंगा घाट, रामघाट, मणिकर्णिका घाट, दशाश्वमेध से लगाए अस्सी घाट तक पर
बजरंग दल ने ऐसे पोस्टर लगाए हैं जिन पर लिखा हुआ है कि गैर हिंदुओं का प्रवेश निषिद्ध है. यह सभी पोस्टर विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के द्वारा धर्म की रक्षा के लिए चसपा किए गए हैं.
इन पोस्टरों के लगने के बाद विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल ने संपूर्ण काशी के मंदिरों में पोस्टर लगाने की बात कही है.
हालांकि उत्तर प्रदेश पुलिस इस संपूर्ण प्रकरण पर कुछ भी बोलने से बच रही है किंतु इतना जरूर है कि पुलिस इन पोस्टरों को हटाने का काम कर रही है.
इस विषय में बजरंग दल काशी महानगर संयोजक निखिल त्रिपाठी ‘रूद्र’ ने कहा है कि- “अब हिंदू समाज को अपनी ताकत दिखाते हुए धर्म और समाज की रक्षा के लिए स्वयं आगे आना होगा. कुछ भी सरकार के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता है.”
जिस भी मंदिर या घाट के किनारे कोई भी धार्मिक घुसपैठिया घुसता है तो उसे मौके पर पकड़कर पुलिस के हवाले किया जाएगा.
जबकि विश्व हिंदू परिषद के महानगर मंत्री राजन गुप्ता ने बताया है कि काशी के मंदिर और गंगा घाट, सनातन धर्म के लोगों की आस्था और श्रद्धा का स्थान है. यहां अन्य धर्म के लोगों की क्या जरूरत है.
इसी क्रम में विश्व हिंदू परिषद के महानगर अध्यक्ष कन्हैया सिंह ने भी कहा है कि यह धर्म की रक्षा के लिए उठाया गया कदम है.
समाजवादी पार्टी ने भाजपा के इस कृत्य को देख कर निशाना साधा है और कहा कि बीजेपी विश्व हिंदू परिषद द्वारा धार्मिक ध्रुवीकरण करने की साजिश कर रही है.
समाजवादी पार्टी युवजन सभा के जिला अध्यक्ष तथा महामृत्युंजय मंदिर परिवार से जुड़े किशन दीक्षित ने कहा है कि-
बनारस में वैसे भी लोग सभी धर्मों के धार्मिक स्थलों का सम्मान करते हैं. सामान्य तौर पर भी कोई मुसलमान मंदिर में नहीं जाता है और ना कोई हिंदू मस्जिद में घुसता है. इस तरह के बैनर लगाना अनुचित है.
वास्तविकता यह है कि भारतीय जनता पार्टी के पास अब कोई मुद्दा नहीं बचा है. ऐसे में वह धार्मिक ध्रुवीकरण के खेल द्वारा समाज का माहौल खराब करने का प्रयास कर रही है.