आज है ‘राष्ट्रीय मतदाता दिवस’, जानिए कब हुई इसकी शुरुआत?

देश भर में आज राष्ट्रीय मतदाता दिवस के रूप में लोगों के बीच उत्साह के साथ मनाया जा रहा है. जैसा कि अभी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 नजदीक है तथा इसका आरंभ 10 फरवरी को हो जाएगा.

वास्तविक तौर पर देखा जाए तो यह लोकतंत्र का ऐसा उत्सव है जहां लोग अपने मनपसंद के प्रत्याशी को अपना कीमती वोट देकर सरकार बनाने के लिए प्रतिनिधित्व चुनते हैं.

राष्ट्रीय मतदाता दिवस का उद्देश्य लोगों द्वारा मतदान में अधिकतम भागीदारी को सुनिश्चित करने के साथ-साथ मतदाताओं को एक बेहतर छवि का प्रतिनिधि चुनने के लिए जागरूक करना भी है.

मतदाता दिवस की शुरुआत 25 जनवरी, 2011 से हुई थी. तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने इसकी घोषणा 1950 में गठित चुनाव आयोग के स्थापना दिवस के 61 में वर्षगांठ पर किया.

इसके पहले इस दिवस को मनाने का कोई प्रबंध नहीं था. आपको बता दें कि लोकतंत्र में अक्सर मतदाता अपने अधिकारों को नहीं जानता है,

जिसके कारण वह न तो वोट देने में अपनी रुचि दिखाता है और ना ही चुनाव में अपनी भागीदारी ही कर पाता है.

इसका परिणाम यह होता है कि वोट प्रतिशत चुनाव में घट जाता है. इन्हीं सब चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए निर्वाचन आयोग ने फैसला किया कि

मतदाता मतदान से जुड़ी सभी प्रक्रियाओं जैसे वोटर आई कार्ड कैसे बनेगा, इसको बनाने के लिए न्यूनतम आयु क्या होनी चाहिए, अपने मताधिकार का प्रयोग किन आधारों पर किया जा सकता है इत्यादि की जानकारी देना.

इसके साथ ही साथ वोटर्स डे के दिन भाषण प्रतियोगिता, हस्ताक्षर अभियान, नए मतदाताओं को वोटर आईडी वितरण,

उनकी फोटोग्राफी इत्यादि का भी आयोजन करके चुनाव प्रक्रिया को बेहतर बनाने का प्रयास किया जाता है.

कौन दे सकता है वोट?

भारतीय संविधान के मुताबिक ऐसा व्यक्ति जो भारत का नागरिक है तथा उसकी उम्र 18 वर्ष से ज्यादा है, वह चुनाव में अपना वोट दे सकता है.

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