हापुड़ से पिलखुआ क्षेत्र में नेशनल हाईवे पर छिजारसी टोल प्लाजा से गुजरने के दौरान दो चुनाव प्रचार करके लौट रहे एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी पर
जब कुत्सित मानसिकता से ग्रसित दो युवकों ने उनके ऊपर गोलियां चला दी तो अमित शाह ने उन्हें जेड प्लस की सुरक्षा मुहैया कराने का ऐलान का किया.
किंतु ओवैसी ने इन सुविधाओं को नकारते हुए कहा कि मैं स्वतंत्र पक्षी हूं, मैं देश में स्वतंत्र रूप से रहना चाहता हूं.
बयानबाजियों का यह मामला अभी थमा भी नहीं था कि एक और शिगूफा खड़ा हो गया है. इस विषय में ओवैसी ने बताया है कि-
अगर कोई ये सोच रहा है कि गोली चलाने से असदुद्दीन ओवैसी की हिम्मत टूट जायेगी तो वो ओवैसी को नहीं जानता: @asadowaisi pic.twitter.com/wzWEjBdBa2
— ذیشان رشیدی Zeeshan (@Zeeshan6523) February 8, 2022
“मैं पसंद नहीं करता हूं कि लोग बंदूक लेकर मेरे साथ चलें, सिक्योरिटी उन्हें दीजिए जिन्हें गोश्त के नाम पर मार दिया जाता है.
मैं ‘ए’ कैटेगरी का हूं अगर कोई यह सोच रहा है कि गोली चलाने से पैसे की हिम्मत टूट जाएगी तो वह ओवैसी को नहीं जानते.”
यूपी के हसनपुरा में चुनावी रैली के दौरान ओवैसी ने बताया कि उनके जान की कीमत CAA आंदोलन में मारे गए 22 लोगों की मौत, पीलू, रगवर और अखलाक से बढ़कर नहीं है.
फिलहाल ओवैसी के काफिले पर हुए हमले को लोग कई तरह से देख रहे हैं. कुछ का कहना है कि यह हमला एक सोची समझी राजनीति का हिस्सा है.
क्योंकि यदि उद्देश्य ओवैसी को मारना ही था तो गोलियां उनके कार की बॉडी पर ही क्यों चलाई गई.