उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के द्वितीय चरण के लिए मतदान होना शुरू हो चुका है. ठीक कन्नौज के छात्राओं के बीच सरकार की तरफ से स्मार्टफोन बांटा जा रहा था
चुनाव आयोग की नजर में आचार संहिता का उल्लंघन है या नहीं यह तो वही बता पाएगा. फिलहाल यह गतिविधि विपक्षियों के निशाने पर आ गई है
और वह बार-बार यह प्रश्न पूछ रहे हैं कि क्या इसे आचार संहिता का उल्लंघन नहीं ठहराया जा सकता है.?
#कन्नौज
जिले में खुलेआम उड़ी आचार संहिता की धज्जियां।
डिग्री कॉलेज के छात्र छात्राओं को बांटे गए स्मार्टफोन
एसडीएम की मौजूदगी में शुरू हुआ स्मार्टफोन वितरण
कार्यक्रम छोड़ खिसके एसडीएम उमाकांत तिवारी
नगर के पीएसएम डिग्री कालेज के छात्र छात्राओं के दिये गए स्मार्टफोन।@dm_kannauj pic.twitter.com/PS9CpuPQXH— INA NEWS (Initiate News) (@ina24news) February 14, 2022
आपको बता दें कि कन्नौज के पीएसएम डिग्री कॉलेज में छात्राओं को स्मार्टफोन बांटा गया है. यह स्मार्टफोन वितरण कार्यक्रम एसडीएम उमाकांत मिश्रा की मौजूदगी में हुआ.
विपक्ष के लोग यह बार-बार प्रश्न उठा रहे हैं कि चुनाव आयोग की गतिविधि संदिग्ध लग रही है. कांग्रेस ने तो चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाते हुए लिखा है कि
“आदरणीय चुनाव आयोग जी भाजपा के नेतृत्व में आप अच्छा चुनाव लड़ रहे हैं. बस इतना अपील है कि अपने संविधान की लाज बचाने के लिए दिखावे की कार्रवाई तो आप कर ही सकते हैं. चुनाव थोड़ी तो मर्यादा रखिए.”
दरअसल जब वास्तव में आचार संहिता लागू है तो फिर चुनाव आयोग एक पक्षीय वयवहार क्यों कर रहा है. आज विपक्ष चुनाव आयोग से प्रश्न पूछता है कि
चुनाव से 1 दिन पहले स्वयं प्रदेश के मुख्यमंत्री का कार्यक्रम आयोजित करना, स्मार्टफोन वितरण करना यह सीधे तौर पर सरकारी धन का दुरुपयोग है, जिसका संज्ञान लेकर तत्काल कड़ी कार्रवाई करने की जरूरत है.