पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने योगी आदित्यनाथ पर कसा तंज, कहा इनकी अर्थव्यवस्था की समझ है शून्य

मिली जानकारी के मुताबिक देश के जाने माने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने प्रेस कांफ्रेंस को सम्बोधित करते हुए कहा कि

योगी आदित्यनाथ पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा है कि इनकी अर्थव्यवस्था को लेकर के समझ शून्य है.

इसी का परिणाम है कि संसाधनों की दृष्टि से संपन्न होने के बावजूद उत्तर प्रदेश में आज चारों तरफ बदहाली है.

दरअसल योगी आदित्यनाथ के शासन का मॉडल धार्मिक विद्वेश, जातिवाद, तानाशाही, महिलाओं के प्रति हिंसा और पुलिसिया उत्पीड़न का सम्मिश्रण है.

यूपी के लोगों को सोचना चाहिए कि वह उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में अपने लिए कैसी सरकार बनाने का कार्य करेंगे ?

कांग्रेस पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी अपने घोषणा पत्र के माध्यम से जन-जन तक पहुंचने का प्रयास कर रही हैं तथा

इन्होंने ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ का अभियान चला रखा है और इसके जरिए सम्पूर्ण भारत में महिलाओं को एक नई ऊर्जा देने के प्रयास में जुटी हुई है.

देश के सबसे अधिक आबादी वाला राज्य उत्तर प्रदेश है तथा यहां के लोग भारत के सबसे मेहनती लोग हैं बावजूद इसके यह गरीबी के दलदल में फंसा हुआ है.

पिछले 5 वर्षों में यूपी की जीएसडीपी विकास दर 2016-17 में 11.4% से घटकर 2020 में -6.4 प्रतिशत पर पहुंच गई.

जबकि यूपी के प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत आय की तुलना में आधे से भी कम है. इस समय राज्य का कुल कर्ज 6,62,891 करोड रुपए है

जोकि जीएसडीपी का 34. 2% है इसमें भी 40% कर्ज तो अकेले योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल से जुड़ा हुआ है.

नीति आयोग द्वारा जारी किए गए बहुआयामी गरीबी सूचकांक के मुताबिक 37.9% आबादी गरीबी से जूझ रही है.

जबकि उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में से 12 जिले ऐसे हैं जिनमें यह गरीबी का अनुपात 50% से अधिक है तथा तीन प्रमुख जिलों श्रावस्ती, बहराइच और बलरामपुर में यह 70% से अधिक है.

युवाओं के भविष्य पर चिंता व्यक्त करते हुए चिदंबरम ने कहा कि देश में सबसे  ज्यादा भयावह है.

इसी तरीके से शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था भी बदहाल है. यहां के छात्र-शिक्षक अनुपात को देखें तो सभी राज्यों में सबसे खराब स्थिति में है.

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