रूस और यूक्रेन के बीच आपसी तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं. यही वजह है कि दोनों देशों के बीच युद्ध लगातार जारी है.
यूक्रेन संकट को लेकर ‘संयुक्त राष्ट्र महासभा‘ की ओर से आयोजित किए गए विशेष सत्र में गंभीरता से चर्चा की गई जिसमें
सभी शामिल देश दोनों देशों के बीच चल रही जंग को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने की बात रखी है.
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने कहा कि इस मुद्दे पर संयम रखने की जरूरत है तथा कूटनीतिक तरीके से संवाद कायम करके युद्ध का समाधान निकाला जाना चाहिए.
मानवीय सहायता महत्वपूर्ण है, यह कोई समाधान नहीं है, एकमात्र समाधान शांति के माध्यम से है… मैंने यूक्रेन के राष्ट्रपति को आश्वासन दिया है कि संयुक्त राष्ट्र सहायता करना जारी रखेगा, उन्हें नहीं छोड़ेगा: संयुक्त राष्ट्र में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस pic.twitter.com/kAw9e5jDF2
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 28, 2022
इस विषय में यूएन महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि इस समस्या का समाधान शीघ्र ही निकाल लिया जाएगा.
जबकि यूक्रेन ने मामले की गंभीरता को देख कर कहा कि यदि हम नहीं बचे तो संयुक्त राष्ट्र भी नहीं बचेगा.
ऐसी सूचना है कि यूक्रेन के 16 बच्चों सहित 352 लोग अभी तक अकाल मृत्यु के शिकार हो गए हैं.
यूएन की बैठक में रूस के प्रतिनिधि ने बताया कि जॉर्जिया की ओर से नाटो में शामिल होने के लिए कार्य योजना बनाई जा रही थी.
यूक्रेन का पूरा प्रयास है कि वह नाटो का सदस्य बन जा जाए. इस संपूर्ण मामले के केंद्र में अमेरिका की यह मंशा है कि यूक्रेन को रूस के विरुद्ध खड़ा किया जाए.
रूस के प्रतिनिधि ने बताया कि एलपीआर, डीपीआर के लोगों को यूक्रेन की नीति की वजह से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था.
लेकिन पश्चिमी देशों को उनके लिए कोई सहानुभूति नहीं थी. रूस ने अपना पक्ष मजबूती से रखते हुए बताया है कि उसकी जो भी कार्यवाही है वह सिर्फ यूक्रेन के विरुद्ध सेल्फ डिफेंस के लिए उठाई गई है.