2003 में रिटायर हुए जेई पेंशन के लिए लगा रहे चक्कर, गायब हो गई है सर्विस बुक

  • रिटायरमेंट के 18 साल बाद भी नहीं मिली पेंशन
  • अवर अभियंता को रिटायरमेंट के 18 साल बाद भी बिजली निगम पेंशन नहीं दे सका

वर्ष 2003 में रिटायर हुए उनवल के गिरीश चन्द्र श्रीवास्तव की पेंशन की फाइल अब जिंदा हुई है, रिटायर होने के समय उन्हें विभाग से पता चला कि सर्विस बुक गायब है.

कुछ दिन की भागदौड़ के बाद जेई भी थक हारकर बैठ गए. इधर, पेंशन की जरूरत पड़ी तो वह फिर दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं.

अब जेई की पेंशन के लिए फाइल पावर कारपोरेशन से लेकर खण्ड तक दौड़ रही है. पावर कारपोरेशन, गोरखपुर जोन के मुख्य अभियंता

दफ्तर व वितरण खण्ड द्वितीय के बीच इतने पत्राचार हुए हैं कि जेई का यह मामला 100 से अधिक पन्नों के गठ्ठर में तब्दील हो गया है.

सेवानिवृत्ति के समय वह कौड़ीराम बिजली घर पर बतौर जेई तैनात रहे. जीपीएफ व अन्य मदों का पैसा मिलने के बाद उन्होने पेंशन के लिए प्रयास किया मगर उनकी सर्विस बुक नहीं मिली.

सर्विस बुक बनवाने को वह 2005 तक दौड़ भाग करते रहे फिर बीमारी की वजह से पैरवी नही कर सके.

गिरीश श्रीवास्तव का कहना है कि इंजीनियर चाहते तो पे-रोल से दूसरी सर्विस बुक बनवाकर उनकी मदद कर सकते थे, उन्हें प्रोविजनली पेंशन मिल सकती थी.

गिरीश चंद्र ने बताया कि बाबुओं ने कहा- ‘सर्विस बुक नहीं तो पेंशन नहीं.’ वे दौड़ते रहे कार्यालय के चक्कर लगाते रहे लेकिन न सर्विस बुक मिली, न पेंशन.

इसी दौरान वे बीमार पड़ गए, एक आंख की रोशनी चली गई। बच्चे छोटे होने के कारण वे बिना सहारे के कहीं आ जा नहीं सकते थे.

एक्सईएन ई. सोमदत्त शर्मा ग्रामीण वितरण खण्ड द्वितीय बोले:

“जेई की सर्विस बुक गायब होने के बाद भी तत्कालीन अधिकारी ने केस दर्ज नहीं कराया था, नियमत: यह करना चाहिए था.

जेई के पूर्व की तैनाती स्थल से नो-ड्यूज मंगाने के बाद उनकी सर्विस बुक तैयार की गई है, पेंशन की फाइल भेज दी गई है।”

डेढ़ दशक बाद लिखी कारपोरेशन को चिट्ठी:

करीब 17 साल गिरीश चंद्र श्रीवास्तव ने जनवरी-2020 में कारपोरेशन को पत्र लिख मामले से अवगत कराया.

कॉर्पोरेशन ने जनवरी-20 से लेकर अब तक 15 पत्र मुख्य अभियंता को भेजे, मुख्य अभियंता ने खण्ड के एक्सईएन को सर्विस बुक तैयार करने के निर्देश दिए.

बावजूद इसके अब तक गिरिश चंद की सर्विस बुक नहीं बनी. पांच दिन पहले सीई दफ्तर से उनकी सर्विस बुक तैयार कर फाइल कारपोरेशन को भेजी है.

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