शपथ लेते ही पुष्कर धामी ने किया बड़ा ऐलान कहा, राज्य में लागू करेंगे एक समान नागरिक संहिता

देश में पांच अलग-अलग राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में उत्तराखंड में भी भाजपा ने बहुमत हासिल किया है.

यहां लगातार दूसरी बार सीएम बने पुष्कर धामी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लिया है. पद संभालने के एक दिन बाद ही उन्होंने

अपना एक चुनावी वादा दोहराते हुए कहा कि- “राज्य में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू किया जाएगा.

इसके लिए राज्य मंत्रिमंडल ने सर्वसम्मति से मंजूरी दी है जिसे एक कमेटी के गठन के बाद प्रभाव में लाने का निर्णय लिया गया है.”

आपको बता दें कि एक समान सिविल संहिता लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य होगा, यदि यह अस्तित्व में आता है तो.

अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए पुष्कर धामी ने कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड के लिए जो ड्राफ्ट तैयार किया जाएगा उसे पूरी तरीके से पड़ताल करने के बाद राज्य में लागू करेंगे.

जहां तक इस कानून का विषय है तो इसके अस्तित्व में आने के बाद धर्म विशेष (मुस्लिम समुदाय) अब अपने मजहबी कानून को नहीं चला पाएंगे.

यानी की यूनिफॉर्म सिविल कोड के प्रभाव में आने के बाद सभी धर्मों की शादी, तलाक, जमीन जायदाद सहित अन्य विषयों को लेकर कानूनी तौर पर एकरूपता आ जाएगी.

हालांकि पुष्कर धामी के इस एलान का कांग्रेस ने विरोध किया है. इस विषय में कांग्रेस नेता वसीम जैदी ने सवाल उठाते हुए कहा कि-

“इस प्रकार के कानून के द्वारा सरकार लोगों के मौलिक अधिकारों को छीनने की कोशिश कर रही है.”

जबकि भाजपा नेता शादाब शम्स ने कहा कि यह किसी भी व्यक्ति के अधिकारों को प्रभावित करने वाला फैसला नहीं है.

यह तो लोगों को और अधिक अधिकार देने वाला निर्णय है. इससे आम लोगों को निश्चित तौर पर फायदा होगा.

एक देश में एक ही कानून होना चाहिए किसी भी व्यक्ति को संविधान का अनुपालन करने में क्या समस्या हो सकती है? देश का संचालन संविधान से किया जाना चाहिए.

क्या होता है यूनिफॉर्म सिविल कोड?

इसका सीधा सा अर्थ है बिना किसी धर्म के दायरे में बांटकर समाज में रहने वाले प्रत्येक नागरिक के लिए एक समान कानूनी अधिकार.

अभी तक मुस्लिम पर्सनल लॉ, ईसाई पर्सनल लॉ तथा पारसी पर्सनल लॉ जो धर्म विशेष से जुड़ा हुआ समुदाय है, उनके लिए सिविल कोड बनाया गया था किंतु अब इसे समाप्त करने की बात हो रही है.

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