पूछताछ के नाम पर रात्रि में अवैधानिक रूप से लोगों को न बैठाया जाय-एडीजी गोरखपुर

गोरखपुर: पुलिसकर्मियों द्वारा जनता के व्यक्तियों से किये जा रहे व्यवहार, पूछताछ अथवा अन्य कारणों से धाने पर लाये/बुलाये जाने वाले

व्यक्तियों के साथ पुलिस के व्यवहार के सम्बन्ध में अपर पुलिस महानिदेशक गोरखपुर जोन गोरखपुर द्वारा जोन के साथ गोष्ठी कर निर्देश दिये गये हैं कि

जन-सामान्य से पुलिस बल द्वारा किये जाने वाले आचरण व व्यवहार को लेकर सभी अपने-अपने अधीनस्थों के साथ बैठक करके उन्हें यह भली-भाँति अवगत करा दें कि सभी पुलिसकर्मी जन सामान्य से अच्छा व्यवहार करें.

जनपद स्तर पर यह पूर्णतया सुनिश्चित किया जाय कि किसी भी दशा में पुलिस द्वारा अपने कार्य एवं आचरण से कोई ऐसा कृत्य न किया जाय जिससे आमजन में पुलिस की छवि धूमिल हो.

चौराहों/तिराहों पर चेकिंग व पूछताछ के दौरान किसी के साथ कोई मार-पीट, दुर्व्यवहार अथवा गाली-गलौज की शिकायत सामने न आने पाये.

ऐसे पुलिसकर्मी जिनकी जनता से दुर्व्यवहार गाली-गलौज, मारपीट, शराब का नियमित सेवन कर ठेले,

खोमचे वालों को परेशान करने आदि की शिकायतें प्राप्त हो रही हों उन्हें तत्काल गैर जनपदीय शाखा स्थानान्तरण कर दिया जाये.

चौकी पर अनावश्यक रूप से किसी भी व्यक्ति को पूछताछ के नाम पर रात्रि में अवैधानिक रूप से न बैठाया जाय.

सायंकाल 07.00 बजे से प्रातः 05.00 बजे के मध्य रात्रि में किसी भी दशा में किसी व्यक्ति को थाने/चौकी पर न बैठाया जाय.

सायंकाल 07.00 बजे के बाद थाने में जनता का वही व्यक्ति हो जो किसी मामले में गिरफ्तार हो तथा उसकी इन्ट्री जीडी (रोजनामचाआम) में रहे.

किसी भी व्यक्ति को पूछताछ के लिए प्रातः 05 बजे से 07 बजे सायंकाल के मध्य बुलाया जाता है तो उस व्यक्ति का

फोटो खींचकर युक्तियुक्त कारणों का उल्लेख करते हुए अपने क्षेत्राधिकारी को व्हाट्सप पर इसकी सूचना अवश्य दी जाय.

बिना लिखा-पढ़ी के किसी भी दशा में जनता का कोई भी व्यक्ति कार्यालय में थाना परिसर में या किसी अन्य जगह पूछताछ के नाम पर नहीं मिलना चाहिए.

थाने पर पूछताछ केवल सुबह 05 बजे से सायंकाल 07 बजे के मध्य की जा सकती है. इसके लिए एक निर्धारित स्थान चिन्हित किया जाय तथा उक्त स्थान सीसीटीवी कैमरा से कवर होना चाहिए.

पूछताछ के दौरान जो भी लोग बुलाये जाते हैं उनका पूर्ण विवरण पूछताछ रजिस्टर जीडी में किया जाय.

जनपदीय कन्ट्रोल रूम प्रत्येक दिन रात्रि में इन तथ्यों की पुष्टि करे कि किसी व्यक्ति को अनावश्यक रूप से थाने पर तो नहीं बैठाया गया है.

पूछताछ के अलावे जिन मामलों में लोगों को गिरफ्तार किया जाता है केवल उन्हें ही गिरफ्तारी के बाद लिखा-पढ़ी करते हुए थानें में रखा जायेगा तथा उन्हें नियमानुसार न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जायेगा.

थाने में अधिष्ठापित सीसीटीवी कैमरा को पूर्णतया क्रियान्वित करायें तथा सक्रिय अवस्था में रखें. इन सीसीटीवी कैमरों से थाने के समस्त

महत्वपूर्ण प्वाइंट्स पूरी तरह से कवर होना चाहिए इसकी पूर्ण जिम्मेदारी भाना प्रभारी सहित सम्बन्धित क्षेत्राधिकारी की होगी.

किसी भी दशा में जनता का कोई भी व्यक्ति कार्यालय, थाना परिसर में या किसी अन्य जगह पूछताछ के नाम पर नहीं मिलना चाहिए.

थाने के बाहर की जाने वाली चेकिंग, दबिश, पूछताछ या अन्य ऐसे स्थान जहाँ पब्लिक का पुलिस से सीधा संवाद स्थापित होता है, वहां यथासम्भव वीडियोग्राफी करायी जाय.

जनपद गोरखपुर सहित जिन जनपदों में बॉडी वार्न कैमरे उपलब्ध हैं, तत्काल थानों को वितरित कर दिया जाय.

जिन जनपदों में बॉडी वार्न कैमरों की आवश्यकता है, जनपदीय प्रभारी तत्काल इसका आकलन करके मुख्यालय को प्रेषित करें.

पुलिस अधीक्षक, अपर पुलिस अधीक्षक, क्षेत्राधिकारी रात्रि गश्त में प्रत्येक थाने की आकस्मिक चेकिंग तय करें कि कहीं थाना/चौकी पर किसी व्यक्ति को अनावश्यक रूप से बैठाया तो नहीं गया है.

 

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