उत्तर प्रदेश में सरकारी कार्यक्रमों के लिए नया प्रोटोकॉल जारी, पूर्व मंत्री विधायक नहीं होंगे मुख्य अतिथि

मिली जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश शासन ने संसदीय शिष्टाचार के अनुपालन के संदर्भ में एक आदेश जारी करते

हुए बताया है कि अब किसी भी सरकारी कार्यक्रम में प्रोटोकॉल के अनुसार मौजूदा मंत्री विधायक अथवा सांसद

की उपस्थिति में किसी भी पूर्व मंत्री अथवा अन्य जनप्रतिनिधि को मुख्य अतिथि नहीं बनाया जा सकेगा.

इस शासनादेश में बताया गया है कि विधान मंडल के सदस्यों के प्रति शिष्टाचार अथवा अनुमन्य प्रोटोकॉल के उल्लंघन से जुड़े

मामलों पर विचार विमर्श करने के लिए संसदीय अनुश्रवण समिति की बैठक हुई थी, इस बैठक में समिति के समक्ष

एक ऐसा मामला आया जिसमें एक सरकारी कार्यक्रम में जिला स्तर के अधिकारी ने विधानसभा के क्षेत्रीय सदस्य के बजाय भूतपूर्व मंत्री को मुख्य अतिथि बना दिया.

चुंकि सब्सिडियरी वारंट ऑफ प्रेसिडेंस में कोटी क्रम निर्धारित है जहां राज्य सरकार के पूर्व मंत्रियों तथा विधान सभा विधान परिषद के पूर्व सदस्यों को जगह नहीं दी गई है.

इससे स्पष्ट है कि राज्य के सहायक पूर्वताधिपत्र के मुताबिक किसी सरकारी कार्यक्रम में विधानमंडल के वर्तमान सदस्यों के उपस्थित हो जाने पर राज्य सरकार के

पूर्व मंत्री अथवा विधान सभा विधान परिषद के पूर्व सदस्यों को मुख्य अतिथि बनाना उपयुक्त नहीं है. इस शासनादेश का कई बिंदुओं से विश्लेषण किया जा रहा है.

Leave a Comment

Translate »
error: Content is protected !!