भट्ठा श्रमिक गर्भवती को एबुलेंस सुविधा मिलने से संभव हुआ सुरक्षित प्रसव

  • आशा और ईएमटी ने मिलकर करवाया सुरक्षित प्रसव

गोरखपुर: आशा कार्यकर्ता अंजू यादव की पहल से ईंट भट्ठा श्रमिक को सुरक्षित प्रसव की सुविधा मिल सकी. उनकी सूचना पर 102 नंबर एंबुलेंस के

इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन (ईएमटी) जगदीश और पायलट अजय प्रकाश महज 10 मिनट में एंबुलेंस लेकर पहुंच गये.

गर्भवती को एंबुलेंस से लेकर रवाना हुए ही थे कि तिलौरा गांव के पास प्रसव पीड़ा इतनी बढ़ गयी कि आशा और ईएमटी को मिलकर एबुलेंस में ही सुरक्षित प्रसव करवाना पड़ा.

इसके बाद जच्चा-बच्चा को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ठर्रापार में भर्ती करा दिया गया, दोनों स्वस्थ हैं.
आशा कार्यकर्ता अंजू यादव ने बताया कि

पाली ब्लॉक के भिटनी गांव की ईंट-भट्ठा श्रमिक बिमला (28 वर्षीय) से वह पहले से संपर्क में थीं. उनकी प्रसव पूर्व जांच भी करवाया था.

14 मई की सुबह जब उनकी प्रसव पीड़ा बढ़ी तो भट्ठे के लोगों ने सूचना दी. आशा कार्यकर्ता ने 102 नंबर एंबुलेंस को काल किया जो सुबह 9.41 पर मौके पर पहुंच गये. गर्भवती को लेकर एंबुलेंस रवाना हो गयी.

ईएमटी जगदीश ने बताया कि वह पहले भी एंबुलेंस में प्रसव करवा चुके हैं. जब तिलौरा गांव के पास महिला की प्रसव पीड़ा बढ़ गयी तो गाड़ी रोक कर प्रसव कराने का निर्णय लिया

क्योंकि उन्हें इस संबंध में पहले से प्रशिक्षण मिला हुआ है, इसलिए यह कार्य संभव हुआ. एबुलेंस में सुरक्षित प्रसव के सभी साधन उपलब्ध रहते हैं.

एबुलेंस सेवा का संचालन कर रही संस्था जीवीके-ईएमआरआई के प्रोग्राम मैनेजर प्रवीण कुमार द्विवेद्वी ने बताया कि जिले में 102 नंबर एंबुलेंस की

50 गाड़ियां संचालित की जा रही हैं जो गर्भवती, प्रसूता, नवजात और नसबंदी के लाभार्थियों की मदद करती हैं. एंबुलेंस में सुरक्षित प्रसव के साधन उपलब्ध हैं

लेकिन लोगों को चाहिए कि समय से सूचना दें ताकि स्वास्थ्य केंद्र पहुंचवा कर और भी सुरक्षित वातावरण में प्रसव करवाया जा सके.

आशा की लें मदद:

गर्भावस्था से लेकर अस्पताल ले जाने तक में आशा कार्यकर्ता अहम भूमिका निभा रही हैं. लोगों को चाहिए कि जब गर्भवती को प्रसव पीड़ा शुरू हो

तभी स्वयं या आशा कार्यकर्ता की मदद से समय रहते एंबुलेंस को सूचना दे दें, एंबुलेंस कर्मी न्यूनतम समय में सुविधा उपलब्ध कराएंगे.

Leave a Comment

Translate »
error: Content is protected !!